उसे जान-पहचान में मेहमान बनने का बहुत शौक था. वह इतना भी जरूरी नहीं समझता था कि जान-पहचान बहुत गहरी हो, बस कामभर की ही सही. गाँव में इक्का-दुक्का बार आमने-सामने पड़े हों, देखा-देखी हुई हो, इत... Read more
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