आज की पीढ़ी को लकी अली को क्यों सुनना चाहिए
अभी हाल ही में, मैंने अपने से कुछ 12 से 13 साल छोटे एक शख्स से किसी बात पर पूछा – क्या तुमने लकी अली को सुना है? तो उत्तर आया – कौन लकी अली? (Lucky Ali) उस समय तो नहीं लेकिन कुछ समय बाद, आज... Read more
कुछ दस बजे का समय रहा होगा, कुछ चल्लों की फोटो खींचते-खींचते मै एक प्राथमिक स्कूल के पास से गुजर रहा था. अध्यापिका और बच्चे नवम्बर की धूप सेकते हुए उस दिन की पढाई कर रहे थे. कुछ बच्चे आपस क... Read more
मनु डफाली के नाम से काफल ट्री के पाठक परिचित हैं. आज मनु ने एक बेटे का अपने पिता के नाम ख़त भेजा है. पहाड़ से लाखों की संख्या में युवा मैदानी इलाकों में नौकरी के लिये जाते हैं जहां उनका मन मिन... Read more
घर में सब ठीक ही है, कोई सगा मरा भी नहीं है और ऐसा कहीं कोई धन-सम्पदा सम्बन्धी भारी नुकसान भी नहीं हुआ है. पर फिर भी इस बार ये दिवाली मेरी नहीं है. दिवाली परायी हो चुकी है, ये हो चुकी है,... Read more
Popular Posts
- सर्दियों की दस्तक
- शेरवुड कॉलेज नैनीताल
- दीप पर्व में रंगोली
- इस बार दो दिन मनाएं दीपावली
- गुम : रजनीश की कविता
- मैं जहां-जहां चलूंगा तेरा साया साथ होगा
- विसर्जन : रजनीश की कविता
- सर्वोदयी सेविका शशि प्रभा रावत नहीं रहीं
- भू विधान व मूल निवास की लहर
- उत्तराखंड हिमवंत के देव वृक्ष पय्यां
- मुखबा गांव का आतिथ्य
- प्रकृति व महामाया का पर्व नवरात्रि
- प्रसूताओं के लिए देवदूत से कम नहीं ‘जसुमति देवी’
- असोज की घसियारी व घास की किस्में
- ब्रह्माण्ड एवं विज्ञान : गिरीश चंद्र जोशी
- परम्परागत घराट उद्योग
- ‘गया’ का दान ऐसे गया
- कोसी नदी ‘कौशिकी’ की कहानी
- यो बाटा का जानी हुल, सुरा सुरा देवी को मंदिर…
- कुमौड़ गांव में हिलजात्रा : फोटो निबन्ध
- शो मस्ट गो ऑन
- सेंट जोसेफ कॉलेज नैनीताल : देश का प्रतिष्ठित स्कूल
- चप्पलों के अच्छे दिन
- छिपलाकोट अंतरयात्रा : चल उड़ जा रे पंछी
- बिरुण पंचमि जाड़ि जामलि, बसंतपंचमि कान कामलि