पीहू एक बहुत ही सुलझी हुई, समझदार, खूबसूरत और होशियार बच्ची थी और अपने माता-पिता की इकलौती सन्तान भी. बचपन से ही पीहू पढ़ाई में अव्वल थी. पढ़ाई के साथ साथ माँ का काम में हाथ बंटाना, पापा के... Read more
पक्की सड़क से जुड़ चुका गांव अब गांव सा नहीं रहा
अब गांव, गांव सा नहीं रहा, गांव पक्की सड़क से जुड़ चुका है अंग्रेजी स्कूल खुल चुके हैं अब बच्चे नमस्कार प्रणाम भूल कर गुड मॉर्निंग कहने लगे हैं. खाना (ब्रेकफ़ास्ट -लंच-डिनर) में बदल चुका है.... Read more
राजी जनजाति : परम्पराएँ व रहन-सहन
वनरौत को ले कर वैसे तो कई कहानियां हैं लेकिन पूर्वजों द्वारा सुनाए गए किस्सों व किमखोला के राजी समुदाय से हुई बातचीत के अनुसार —वर्षों पहले अस्कोट के राजा के दो बेटे थे, एक बार जब दोनों भाई... Read more
अक्सर बचपन में दादा दादी के कहानियाँ-किस्सों में सुना करते थे उनके ज़माने की कई सारी बातें. इन किस्से-कहानियों को सुन कर बड़ा आनन्द आता था. हमें लगता था जैसे सब कुछ हमारे सामने घट रहा है. दादी... Read more
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