पुरवासी

हिंदी में डी.लिट. की उपाधि प्राप्त करने वाले पहले भारतीय ‘डॉ. पीताम्बर दत्त बड़थ्वाल’

उत्तराखण्ड में साहित्य, ज्योतिष और दर्शन की परम्परा प्राचीन रही है. उत्तर वैदिक काल में इस अंचल में भारद्वाज आश्रम,…

2 years ago

कुमाऊं की रामलीला पर ‘गिर्दा’ का एक महत्वपूर्ण लेख

कुमाऊॅं (उत्तराखण्ड) में प्रचलित रामलीला सम्भवतः संसार का एक मात्र ऐसा गीत नाट्य है जो ग्यारह दिनों तक लगातार क्रमशः…

3 years ago

पुन्यों सी उजली देबुली और नरिया के जीवन की एक झलक

छिलुके की रोशनी में चौथर का कोना कोना खिल उठा था. कई महीनों बाद दो दिन पहले ही चौथर लिपा…

3 years ago

भगवत गीता के श्लोकों का कुमाऊंनी अनुवाद

भगवत गीता के श्लोकों का यह अनुवाद चारुचन्द्र पांडे द्वारा किया गया है. काफल ट्री में यह अनुवाद पुरवासी पत्रिका…

3 years ago

कुमाऊंनी लोक साहित्य में नारी का विरह

सामान्य जनों या आशुकवियों द्वारा मौखिक परम्परा के रुप में अभिव्यक्त साहित्य लोक साहित्य कहलाया. परिवेश के अनुसार उसकी अभिव्यक्ति…

3 years ago

मन्दाकिनी घाटी में कही जाने वाली कालिदास और रेवती की प्रेम कहानी

केदार घाटी का गाँव 'आश्रम'. यहीं परमेश्वरानन्द और उनकी सती-साध्वी पत्नी पार्वती रहती थी. सुबह-शाम अपने इष्टदेव की आराधना करते…

3 years ago

नौराट कि घुराट: कुमाऊनी बोली की कुछ मजेदार खूबियाँ

हमारे एक कुमाउंनी मित्र ने कुछ समय पूर्व अपनी आंखों का आपरेशन कराया. उन्हें मोतियाबिंद हो गया था. मिलने पर…

5 years ago

कुमाऊंनी लोकगीतों में सामाजिक चित्रण

लोकगीतों से हमारा तात्पर्य लोक साहित्य के उन रूपों से है, जो प्रायः अलिखित रहकर जन-साधारण द्वारा निर्मित होते हुए…

5 years ago

एक फायर के तीन शिकार कुली, मुर्गी और ‘अल्मोड़ा अख़बार’

एक फायर के तीन शिकार कुली, मुर्गी और 'अल्मोड़ा अख़बार' यह टिप्पणी गढ़वाल समाचार पत्र की है. गढ़वाल समाचार पत्र…

5 years ago

जानिये उत्तराखंड के घरों से लुप्त होते लकड़ी के बर्तनों के बारे में

पिछले कुछ सालों में उत्तराखंड में लकड़ी के बर्तनों का उपयोग लगभग बंद हो गया है. कभी दैनिक जीवन में…

5 years ago