इगास: वंचितों को समर्पित लोकपर्व
जो छूट गए, जो पिछड़ गए हैं और जो अधिकारों से वंचित रह गए हैं, सरकारें उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए कई योजनाएँ बनाती है. लोक-समाज, पर्व-त्योहार बनाता है. सबके हिस्से में हर्ष-उल्लास सुनिश... Read more
मुंबई के प्रसिद्ध बांद्रा-वर्ली सी लिंक से गुजरते हुए जो पहला खयाल दिमाग में आया था वो ये कि जब अरब सागर पर ऐसा पुल बन सकता है तो टिहरी झील के आर-पार ऐसा ही पुल बनाने में क्या कठिनाई हो सकती... Read more
आईपीएल-2020 में उत्तराखंड की तान्या करेंगी एंकरिंग
आईपीएल 2020 शुरू होने से पहले ही जीत लिया गया है. कम से कम उत्तराखंड में तो यही माना जा रहा है. और मानें भी क्यों नहीं. आखिर उसकी एक बेटी जो चुनी गयी है प्रमुख उद्घोषक. ये बेटी है, तान्या पु... Read more
हिमालय से हम हैं और हमारे लिए हिमालय
हिमालय अमर नहीं है. गोंडवानालैंड के जमाने में ये था ही नहीं. गोंडवानालैंड के एक हिस्से के छिटक कर एशियाखंड से मिलने या टकराने से अस्तित्व में आया था हमारा हिमालय. पर्वत श्रृंखलाओं की बिरादरी... Read more
श्रीधर आजाद : तन-मन से आज़ाद राजर्षि-सेनानी
1949 से 1950 तक तथा 1952 से 1958 तक गढ़वाल (वर्तमान पौड़ी,चमोली व रुद्रप्रयाग का संयुक्त नाम) के डिस्ट्रिक्ट बोर्ड चेयरमैन रहे, स्वतंत्रता सेनानी श्रीधर आजाद, आजाद जी के नाम से पूरे गढ़वाल म... Read more
उत्तराखण्ड में जन्मे नरेन्द्र सिंह नेगी ऐसे रचनाकार हैं जिनके सृजन में हिमालय का प्रतिनिधित्व झलकता है. उनका सृजन त्रिस्तरीय है. शब्द, संगीत और स्वर तीनों स्तर में पहाड़ी जनजीवन की आत्मा का... Read more
जैसे कल की ही बात हो. गोपेश्वर के भूगोल के बिम्बों से प्रेमिका का नख-शिख वर्णन करता एक लम्बी दाढ़ी वाला हँसमुख कवि ध्यान आकर्षित करता है. यहीं हेड पोस्ट ऑफिस में कार्यरत हैं, बहुत अच्छे चित्... Read more
गिर्दा तुमने जिंदगी भर क्या कमाया है
गिर्दा के बारे में उचित ही कहा जाता है कि वो कविता करता नहीं जीता था. और जब कविता सुनाता था तो लगता था जैसे अंग-अंग से कविता फूट रही हो. भरपूर अवसरों के बावजूद गिर्दा ने अपनी सृजनशीलता को व्... Read more
मंगलू जागर्या : नंदकिशोर हटवाल का नाटक जो परम्पराओं को विज्ञान की कसौटी पर परखता है
उत्तराखंड के गढ़वाल व कुमाऊं अंचल में जागर एक महत्वपूर्ण विधा है, गीत-संगीत और लोकनृत्य की. लोक ऐतिहासिक सामग्री के रूप में भी ये बहुमूल्य हैं. जागर, देवताओं से सम्बंधित होते हैं या देवत्व-प... Read more
उत्तराखण्ड की मंदाकिनी-उपत्यका में आज से ठीक सौ साल पहले एक कवि जन्मा था जो सही मायने में हिमालय का सुकुमार कवि था. अल्पायु और छायावाद को अपनी कविता का प्रस्थान-बिंदु बनाने के कारण उनकी तुलन... Read more
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