पिथौरागढ़ की सौर्याली और काली पार डोटी अंचल की साझी झलक है कबूतरी देवी के गीतों में
कबूतरी देवी का उत्तराखण्ड और हिमालयी इलाके के लोक संगीत में एक बहुत बड़ा नाम रहा है. मधुर और खनकती आवाज की धनी कबूतरी देवी को उत्तराखण्ड में सभी जानते हैं. आज से तीन-चार दशक पूर्व लखनऊ और नज... Read more
जन्मान्ध हरदा सूरदास गाते हुए जब-जब भावावेश के चरम पर पहुँचते थे, सफ़ेद पड़ चुकी पुतलियों वाली उनकी ज्योतिहीन आँखों के कोरों से आंसू बहना शुरू हो जाते. पूरे चाँद की उस जादुई रात नैनीताल के ए... Read more
कबूतरी देवी – (1945 से 07 जुलाई 2018) आज कबूतरी देवी जिंदा होती तो? बीमारी की वजह से अस्पताल के चक्कर काट रही होतीं, उनके परिजन मिन्नतें कर रहे होते. संस्कृति विभाग से मिलने वाली मामूल... Read more
उत्तराखण्ड (Uttarakhand)में ऋतु गीत गए जाने की परंपरा है, यह अब विलुप्त होती जा रही है. बसंत ऋतु में गाये जाने वाले ऋतु गीतों (Folk Songs) को ऋतुरैण (Riturain) कहा जाता है. इन गीतों को ख़ास त... Read more
लोकगायिका कबूतरी देवी घर पर रियाज़ करते हुए
वीडियो हमारे साथी सुधीर कुमार ने बनाया था. काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें Read more
पहाड़ की कोयल कबूतरी देवी का जाना
बुलन्द आवाज़ और खनकदार गले की मलिका स्वर कोकिला लोक गायिका कबूतरी देवी 7 जुलाई की सुबह दुनिया से विदा हो गईं और फ़िज़ाओं में छोडकर गईं अनगिनत गीत और ढेर सारा सुमधुर संगीत. उनकी लाजवाब गायिकी के... Read more
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