कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 123
डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है – “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि वृहद हिंदी कोश का सन्दर्भ लिया जाए तो उस में लोकोक्ति की परिभाषा इस प्रकार दी गई... Read more
फिर छलक उठे पहाड़वासियों के आंसू
जो पहाड़ अपनी बेपनाह ख़ूबसूरती के लिए दुनिया-जहां से घूमने आए पर्यटकों के दिल में एक ख़ूबसूरत चाह बनकर बस जाते हैं, अपने ही लोग उन पहाड़ों से टूटे पत्थरों की तरह महानगरों की ओर छिटक-भटक कर क... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 122
डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है – “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि वृहद हिंदी कोश का सन्दर्भ लिया जाए तो उस में लोकोक्ति की परिभाषा इस प्रकार दी गई... Read more
कभी किलों-दुर्गों की बहुतायत थी उत्तराखण्ड में
उत्तराखण्ड में कई जगहों के नामों की शुरुआत में गड़, गढ़ी या गढ़ का इस्तेमाल दिखाई देता है. इस शब्द का इस्तेमाल उत्तराखण्ड में मध्यकाल के शासकों के समय से होता आया है. मध्यकाल में उत्तराखण्ड में... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 121
डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है – “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि वृहद हिंदी कोश का सन्दर्भ लिया जाए तो उस में लोकोक्ति की परिभाषा इस प्रकार दी गई... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 120
डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है – “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि वृहद हिंदी कोश का सन्दर्भ लिया जाए तो उस में लोकोक्ति की परिभाषा इस प्रकार दी गई... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 119
डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है – “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि वृहद हिंदी कोश का सन्दर्भ लिया जाए तो उस में लोकोक्ति की परिभाषा इस प्रकार दी गई... Read more
मेले में अकेले
कहो देबी, कथा कहो – 35 पिछले कड़ी- कहो देबी, कथा कहो – 34 उन्हीं दिनों एक लंबी यात्रा पिथौरागढ़ तक की भी की. जिन वरिष्ठ क्षेत्रीय प्रबंधक शर्मा जी ने मुझे बैंक के माहौल में खुद को खपाने की आत्... Read more
उत्तराखण्ड (Uttarakhand)में ऋतु गीत गए जाने की परंपरा है, यह अब विलुप्त होती जा रही है. बसंत ऋतु में गाये जाने वाले ऋतु गीतों (Folk Songs) को ऋतुरैण (Riturain) कहा जाता है. इन गीतों को ख़ास त... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 118
डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है – “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि वृहद हिंदी कोश का सन्दर्भ लिया जाए तो उस में लोकोक्ति की परिभाषा इस प्रकार दी गई... Read more
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