मुर्गा, दारू, साड़ी और प्रधानी का चुनाव
Posted By: Girish Lohanion:
पिछली कड़ी – खीम दा की खिमली और प्रधानी का चुनाव लोकमणि और खीम दा को हरदत्त ज्यू की बातें सपने में भी परेशान करने लगी. चुनाव में अब कुछ ही दिन शेष रह गये हैं लेकिन सारा माहौल ये हरदत्त... Read more
खीम दा की खिमली और प्रधानी का चुनाव
Posted By: Sudhir Kumaron:
उत्तराखंड में प्रधानी के चुनाव अब जाकर आए हैं लेकिन खीम दा को प्रधानी का बुखार पिछले साल से ही चढ़ने लगा था. वैसे तो खीम दा ने जिंदगी में कोई बड़ा तीर नही मारा ठैरा लेकिन लोगों द्वारा चने के... Read more
Popular Posts
- अंग्रेजों के जमाने में नैनीताल की गर्मियाँ और हल्द्वानी की सर्दियाँ
- पिथौरागढ़ के कर्नल रजनीश जोशी ने हिमालयन पर्वतारोहण संस्थान, दार्जिलिंग के प्राचार्य का कार्यभार संभाला
- 1886 की गर्मियों में बरेली से नैनीताल की यात्रा: खेतों से स्वर्ग तक
- बहुत कठिन है डगर पनघट की
- गढ़वाल-कुमाऊं के रिश्तों में मिठास घोलती उत्तराखंडी फिल्म ‘गढ़-कुमौं’
- गढ़वाल और प्रथम विश्वयुद्ध: संवेदना से भरपूर शौर्यगाथा
- साधो ! देखो ये जग बौराना
- कफ़न चोर: धर्मवीर भारती की लघुकथा
- कहानी : फर्क
- उत्तराखंड: योग की राजधानी
- मेरे मोहल्ले की औरतें
- रूद्रपुर नगर का इतिहास
- पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय और तराई-भाबर में खेती
- उत्तराखंड की संस्कृति
- सिडकुल में पहाड़ी
- उसके इशारे मुझको यहां ले आये
- नेत्रदान करने वाली चम्पावत की पहली महिला हरिप्रिया गहतोड़ी और उनका प्रेरणादायी परिवार
- भैलो रे भैलो काखड़ी को रैलू उज्यालू आलो अंधेरो भगलू
- ये मुर्दानी तस्वीर बदलनी चाहिए
- सर्दियों की दस्तक
- शेरवुड कॉलेज नैनीताल
- दीप पर्व में रंगोली
- इस बार दो दिन मनाएं दीपावली
- गुम : रजनीश की कविता
- मैं जहां-जहां चलूंगा तेरा साया साथ होगा