कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 94
डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है – “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि वृहद हिंदी कोश का सन्दर्भ लिया जाए तो उस में लोकोक्ति की परिभाषा इस प्रकार दी गई... Read more
झंगोरा: पहाड़ का पारंपरिक व पौष्टिक अनाज
विभिन्न नामों से जाना जाता है झंगोरा उत्तराखण्ड में झंगोरा (Jhangora) नाम से पहचाने जाने वाले अनाज का वानस्पतिक नाम इकनिक्लोवा फ्रूमेन्टेंसी (Echinochloa frumentacea) है. अंग्रेजी में इसे इं... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 93
डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है – “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि वृहद हिंदी कोश का सन्दर्भ लिया जाए तो उस में लोकोक्ति की परिभाषा इस प्रकार दी गई... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 92
डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है – “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि वृहद हिंदी कोश का सन्दर्भ लिया जाए तो उस में लोकोक्ति की परिभाषा इस प्रकार दी गई... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 91
डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है – “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि वृहद हिंदी कोश का सन्दर्भ लिया जाए तो उस में लोकोक्ति की परिभाषा इस प्रकार दी गई... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 90
डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है – “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि वृहद हिंदी कोश का सन्दर्भ लिया जाए तो उस में लोकोक्ति की परिभाषा इस प्रकार दी गई... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 89
डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है – “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि वृहद हिंदी कोश का सन्दर्भ लिया जाए तो उस में लोकोक्ति की परिभाषा इस प्रकार दी गई... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 88
डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है – “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि वृहद हिंदी कोश का सन्दर्भ लिया जाए तो उस में लोकोक्ति की परिभाषा इस प्रकार दी गई... Read more
हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने: 66
हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने: 66 पिछली कड़ी का लिंक: हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने- 65 हल्द्वानी (Haldwani) दूसरे अतिक्रमणकारी वे हैं जो भूमिहीन हैं, भवनहीन है और सरकार से मांग... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 87
डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है – “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि वृहद हिंदी कोश का सन्दर्भ लिया जाए तो उस में लोकोक्ति की परिभाषा इस प्रकार दी गई... Read more
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