कुमाऊं में है कत्यूर कालीन ‘आदि बदरीनाथ’ का मंदिर
Posted By: Kafal Treeon:
यह सुनने और पढ़ने में जरुर अटपटा है पर हकीकत यह है कि मूल बदरीनाथ गढ़वाल के अंश कुमाऊं में भी मौजूद हैं. रानीखेत तहसील से लगभग 25 किमी दूर कुंवाली गांव में कत्यूरकालीन आदि बदरीनाथ का मंदिर ह... Read more
Popular Posts
- रं समाज की संस्कृति से रूबरू कराता यात्रा वृत्तांत : जितनी मिट्टी उतना सोना
- हिमालय की उपत्यका में धार्मिक और प्राकृतिक आश्रय ‘कान्दी’ गांव
- छिपलाकोट अन्तर्यात्रा : हवाओं पै लिख दो हवाओं के नाम
- शेरदा की कविता में गहरा जीवनदर्शन है : पुण्यतिथि विशेष
- मासी का सोमनाथ मेला
- अस्कोट-आराकोट यात्रा 25 मई से
- कानून के दरवाजे पर : फ़्रेंज़ काफ़्का की कहानी
- अमृता प्रीतम की कहानी : जंगली बूटी
- अंतिम प्यार : रवींद्रनाथ टैगोर की कहानी
- माँ का सिलबट्टे से प्रेम
- ‘राजुला मालूशाही’ ख्वाबों में बनी एक प्रेम कहानी
- भूत की चुटिया हाथ
- यूट्यूब में ट्रेंड हो रहा है कुमाऊनी गाना
- पहाड़ों में मत्स्य आखेट
- छिपलाकोट अन्तर्यात्रा : जिंदगानी के सफर में हम भी तेरे हमसफ़र हैं
- स्वयं प्रकाश की कहानी: बलि
- सुदर्शन शाह बाड़ाहाट यानि उतरकाशी को बनाना चाहते थे राजधानी
- उत्तराखण्ड : धधकते जंगल, सुलगते सवाल
- अब्बू खाँ की बकरी : डॉ. जाकिर हुसैन
- नीचे के कपड़े : अमृता प्रीतम
- रबिंद्रनाथ टैगोर की कहानी: तोता
- यम और नचिकेता की कथा
- अप्रैल 2024 की चोपता-तुंगनाथ यात्रा के संस्मरण
- कुमाउँनी बोलने, लिखने, सीखने और समझने वालों के लिए उपयोगी किताब
- कार्तिक स्वामी मंदिर: धार्मिक और प्राकृतिक सौंदर्य का आध्यात्मिक संगम