बात शुरू करने से पहले जन्नत नशीन शायर निदा फ़ाज़ली साहब का एक शेर “हर आदमी में होते हैं दस बीस आदमी जिसको भी देखना हो कई बार देखना” आज दशहरा था, पूरी दुनिया में था. अल्मोड़े में... Read more
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