कवि, लेखक महेशचंद्र पुनेठा की यह किताब शिक्षा के अनेक अनसुलझे -अधूरे सवालों का मात्र दुहराव भर नहीं, जैसा आपने और किताबों मे पढ़ा होगा ; बल्कि इसमें लेखक सुचिन्तित अध्यापक के साथ – साथ... Read more
आओ मिलकर सोचें
Posted By: Kafal Treeon:
[यह आलेख हमारे पाठक प्रबोध उनियाल ने आज यानी स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भेजा है. उनका एक लेख हम पहले भी छाप चुके हैं – द लायन किंग: यदि आपस में ही हम लड़ते हैं तो फायदा किसका होता है]... Read more
क्यों ज़रूरी है स्कूलों के इस पागलपन से पीछे लौटना
Posted By: Kafal Treeon:
बोस्टन में मनोविज्ञान पढ़ाने वाले प्रोफ़ेसर पीटर ग्रे ने हाल के वर्षों में आधुनिक शिक्षा पद्धति की बुनियाद को लेकर कई सवाल खड़े किये हैं. दुनिया भर के शिक्षाविदों ने उनके विचारों का समर्थन किया... Read more
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