ऐतिहासिक सब माउंटेन रोड (कंडी रोड) विस्तार और इतिहास इस सड़क को ही आधार मानकर पर्वतीय और गैर पर्वतीय क्षेत्रों को बांटा गया था. इसी आधार पर ही सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को भी पर्वतीय... Read more
आसन नदी और उससे जुड़ी पौराणिक मान्यतायें
देहरादून में शिवालिक पहाड़ी की उत्तरी ढलान पर क्लेमेन्टाउन से पश्चिम दिशा में एक गांव है जिसका नाम चन्द्रबनी है. चन्द्रबनी एक ऐसा प्राचीन स्थान है जिसका जिक्र पौराणिक कहानी कथाओं में मिल जात... Read more
रूस दौरे से लौटने पर नेहरू में क्यों जगी ‘कण्वाश्रम’ को जानने की जिज्ञासा
अंग्रेजी हुकूमत से भारत को आजादी मिलने के बाद वर्ष 1955 में रूस दौरे पर गए भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने जब रूस में महर्षि कण्व ऋषि की तपस्थली और चक्रवर्ती सम्राट भर... Read more
चंद्र सिंह गढ़वाली के परिजन ही नहीं ले पा रहे ‘वीर चंद्र सिंह गढ़वाली स्वरोजगार योजना’ का लाभ
राज्य गठन के बाद भले ही उत्तराखंड में पेशावर कांड के नायक वीर चंद्र सिंह गढ़वाली के नाम पर कई योजनाएं चल रही हो. लेकिन हकीकत यह है कि गढ़वाली के ही परिजनों को ही इस योजनाओं का लाभ नहीं मिल प... Read more
केदारखंड के तल्ला नागपुर पट्टी के कान्दी गांव में प्राचीन भगवान कौलाजीत का मंदिर है. कौलाजीत एक प्राचीन ऋषि थे. इस मंदिर की प्राचीन काल से मान्यता है कि यहां सर्प दंश पीड़ित को कुछ समय के लि... Read more
रुद्रप्रयाग जिले के केदारखंड में मां मंदाकिनी के तट पर स्थित सिद्धपीठ कालीमठ मंदिर में कुछ समय पूर्व तक मन्नतें पूरी होने पर लोग बड़ी संख्या में जानवरों की बलि देते थे. जिसमें बकरी और भैंसा... Read more
दून घाटी में साल के वन और उनमें विराजमान चार सिद्ध
दून घाटी में प्रवेश करते ही साल के खूबसूरत जंगल आपका स्वागत करते हैं. इस घाटी में आप चारों तरफ कहीं भी चले जांये छ सात किलोमीटर के बाद आपको सदाबहार साल के जंगल आपका मन मोह लेंगे. साल का पेड़... Read more
डड्वार: गढ़वाल की विलुप्त होती परम्परा
डड्वार, गढ़वाल में दिया जाने वाला एक प्रकार का पारितोषिक है. जिसे पहले तीन लोगों को दिया जाता था: ब्राह्मण, लोहार और औजी. लेकिन धीरे-धीरे यह परंपरा खत्म होती जा रही है. इसके बदले अब लोग पैसे... Read more
देहरादून की पलटन बाज़ार का इतिहास
1803 ईसवी के अक्टूबर महिने में गोरखाओं ने देहरादून को अपने कब्जे में ले लिया था. राजा प्रद्युमन शाह ने मैदानी भाग में जाकर शरण ली. लंडोरा के गुर्जर राजा राम दयाल के साथ प्रद्युमन शाह के अच्छ... Read more
हिमालय केवल बर्फ का एक विशाल घर नहीं बल्कि सभ्यता संस्कृति का उदगम स्थल भी है : स्व. कमल जोशी
हिमालय केवल एक पहाड़ नहीं बल्कि संस्कृति और सभ्यता का उद्गम स्थल भी है. हिमालय केवल भारत, एशिया को ही नहीं बल्की पूरे विश्व की जलवायु को प्रभावित करता है. भारत के लिए हिमालय का महत्व और भी ब... Read more
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