अमरीकी नस्लवाद बनाम भारतीय जातिवाद
-मनीष आज़ाद 26 फरवरी की रात 2012 को अमेरिका के ‘फ्लोरिडा’ नामक शहर में ‘ट्रायवान मार्टिन’ नामक व्यक्ति को ‘जिम्मरवान’ नामक व्यक्ति ने गोली मार दी. मार्टिन की मौके पर ही मौत हो गयी. इस घटना का... Read more
-मनीष आज़ाद हिरोशिमा, शिन और उसकी तिपहिया साइकिल हिरोशिमा पर परमाणु बम गिरने के ठीक 4 दिन पहले शिन को उसके तीसरे जन्मदिन पर चटक लाल रंग की तिपहिया साइकिल उसके चाचा ने दी थी. उस समय बच्चों के... Read more
‘पेगासस’ : एक सफेद पंखों वाला घोड़ा
-मनीष आज़ाद रिपब्लिक ऑफ सर्विलांस ग्रीक मिथक में ‘पेगासस’ एक सफेद पंखों वाला घोड़ा है, जो कभी भी कहीं भी जा सकता है. इसी तरह ‘पेगासस’ सॉफ्टवेयर भी कभी भी किसी के भी फ... Read more
–मनीष आज़ाद परमाणु बम की प्रचंड ‘आग’ से अमेरिका में भी एक आदमी सालों झुलसता रहा. उसका नाम था- ‘क्लाड इथरली’ (Claude Eatherly). क्लाड इथरली 1945 में उस 90 सदस्यीय... Read more
मेरे दम घुटते देश के पक्ष में एक गवाही
-मनीष आज़ाद 7 अक्टूबर 2020 को दक्षिण दिल्ली में कुत्तों के लिए बने एक शमशान घाट का उद्घाटन करते हुए वहाँ की भाजपा मेयर अनामिका मिथिलेश ने कहा कि अब कुत्तों को भी सम्मान के साथ दफनाया जा सकेग... Read more
Popular Posts
- अंग्रेजों के जमाने में नैनीताल की गर्मियाँ और हल्द्वानी की सर्दियाँ
- पिथौरागढ़ के कर्नल रजनीश जोशी ने हिमालयन पर्वतारोहण संस्थान, दार्जिलिंग के प्राचार्य का कार्यभार संभाला
- 1886 की गर्मियों में बरेली से नैनीताल की यात्रा: खेतों से स्वर्ग तक
- बहुत कठिन है डगर पनघट की
- गढ़वाल-कुमाऊं के रिश्तों में मिठास घोलती उत्तराखंडी फिल्म ‘गढ़-कुमौं’
- गढ़वाल और प्रथम विश्वयुद्ध: संवेदना से भरपूर शौर्यगाथा
- साधो ! देखो ये जग बौराना
- कफ़न चोर: धर्मवीर भारती की लघुकथा
- कहानी : फर्क
- उत्तराखंड: योग की राजधानी
- मेरे मोहल्ले की औरतें
- रूद्रपुर नगर का इतिहास
- पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय और तराई-भाबर में खेती
- उत्तराखंड की संस्कृति
- सिडकुल में पहाड़ी
- उसके इशारे मुझको यहां ले आये
- नेत्रदान करने वाली चम्पावत की पहली महिला हरिप्रिया गहतोड़ी और उनका प्रेरणादायी परिवार
- भैलो रे भैलो काखड़ी को रैलू उज्यालू आलो अंधेरो भगलू
- ये मुर्दानी तस्वीर बदलनी चाहिए
- सर्दियों की दस्तक
- शेरवुड कॉलेज नैनीताल
- दीप पर्व में रंगोली
- इस बार दो दिन मनाएं दीपावली
- गुम : रजनीश की कविता
- मैं जहां-जहां चलूंगा तेरा साया साथ होगा