नीति आयोग के एसडीजी इंडेक्स 2021 में उत्तराखण्ड ऊपर से तीसरे नम्बर पर है और उत्तर प्रदेश नीचे से चौथे नम्बर पर. रैंकिंग का ये फासला इसलिए और बड़ा हो जाता है कि प्रदेशों की कुल संख्या 28 है.... Read more
बच्चों की प्रतिभा बाल्यकाल में ही पहचान ली जाए तो उसे उचित प्रशिक्षण देकर तराशना आसान हो जाता है. बहुत सारे बच्चे जन्मजात प्रतिभासम्पन्न होते हैं. अधिकतर, अपेक्षित प्रशिक्षण और मंच के अभाव स... Read more
गंगा के अविरल प्रवाह के लिए संघर्षरत ऋषि ने उसी के दक्षिणी तट पर प्राणों की पूर्णाहुति के साथ अपने जीवन को विराम दिया. 95 वर्षीय पर्यावरण संत, सुंदर लाल बहुगुणा 8 मई 2021 को एम्स ऋषिकेश में... Read more
वैक्सिनेशन और हथछेड़ू का आतंक
कोणबूड के बाद अगर किसी ने मेरी उम्र के बच्चों को सर्वाधिक आतंकित किया है तो वो हथछेड़ू ही था. बहुत बाद में पता चला कि उसका सरकारी पदनाम वैक्सिनेटर है. बाकायदा स्वास्थ्य विभाग में एक वैक्सिने... Read more
बसंत के पुजारी पहाड़ी बच्चों का आस का पर्व: फुलदेई
फुलदेई, उत्तराखंड का सुप्रसिद्ध और बच्चों का खूबसूरत त्योहार है. फुलदेई शब्द दो शब्दों से मिल कर बना है. फूल और देई (देळी) अर्थात देहरी. फुलसंग्रांद और फुल फुल माई नाम से भी ये त्योहार जाना... Read more
Prem Chand Sharma Agriculture Uttarakhand Read more
आज है कैप्टन धूम सिंह चौहान की 135वीं जयंती
गढ़वाल राइफल्स की स्थापना 5 मई 1887 को अल्मोड़ा में हुई थी. इसी दिन पहली बटालियन रेज़ की गयी. प्रथम विश्वयुद्ध शुरु होने के समय अर्थात् 1914 में गढ़वाल राइफल्स की दो बटालियन थी. दोनों ने इस... Read more
स्वाधीनता संग्राम में गढ़वाल का चंपारण ककोड़ाखाल: कुली बेगार विरोधी आंदोलन के सौ साल
1857 की क्रांति में गढ़वाल भू-भाग में पूरी तरह शांति रही. इतनी कि तत्कालीन कमिश्नर रैमजे को गढ़वाल भ्रमण पर होने के बावजूद नैनीताल पहुँचना ही श्रेयस्कर लगा. उसी गढ़वाल में अंग्रे राज्य के वि... Read more
दीवाली-सा लगा था गढ़वालियों को वो क्रिसमस
क्रिसमस-युद्धविराम, प्रथम विश्वयुद्ध की सबसे प्रसिद्ध उपकथाओं में से एक है. पूरी तरह से अनऑफिशियल और तात्कालिक ये युद्धविराम 24-25 दिसम्बर 1914 को प्रथम विश्वयुद्ध के पश्चिमी मोर्चे पर हुआ थ... Read more
अलविदा मंगलेश दा
जिनकी स्मृति में बिजली के लट्टुओं से जगमग पहाड़ की ही छवि है वो पहाड़ में लालटेन के बिम्ब का निहितार्थ कभी समझ ही नहीं सकते. पहाड़ में लालटेन औद्योगिकीकरण का प्रथम संदेशा लेकर आयी थी. पर पहा... Read more
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