कुमाऊँ-गढ़वाल में बाघ के बच्चे को मारने का दो रुपये ईनाम देती थी क्रूर अंग्रेज सरकार
आज जब कि सारी दुनिया में वन्यजीवों को बचाने के लिए आन्दोलन चलाये जा रहे हैं और सरकारें ‘बाघ बचाओ’ जैसे प्रोजेक्ट्स पर अरबों रुपये खर्च कर रही हैं, भारत में ब्रिटिश राज के दौरान एक समय ऐसा भी... Read more
उत्तरकाशी गंगोत्री रोड पर गंगोत्री से 21 किमी पहले एक छोटा सा पहाड़ी गाँव है धराली. धराली उत्तरकाशी-गंगोत्री हाइवे के दोनों तरफ बसा हुआ है. धराली अपने अप्रतिम प्राकृतिक सौन्दर्य के लिए विश्वव... Read more
लैंसडाउन : गढ़वाल रायफल्स का गौरवशाली केंद्र
लैंसडाउन उत्तराखण्ड के गढ़वाल मंडल का एक पौड़ी जिले का एक खूबसूरत पहाड़ी कस्बा है. 2001 की जनगणना के आधार पर लैंसडाउन की आबादी सात हजार से कुछ ज्यादा थी. कालीडांडा पहाड़ी की ढलान पर बसे लैंसडाउन... Read more
ऊखीमठ गढ़वाल मंडल के रुद्रप्रयाग जिले का एक छोटा सा क़स्बा है. ऊखीमठ मन्दाकिनी नदी के तट पर बसा है. यह रुद्रप्रयाग चौपटा मार्ग पर रुद्रप्रयाग से 40 किमी की दूरी पर बसा है. ऊखीमठ में पौराणिक का... Read more
देवभूमि कहे जाने वाले उत्तराखंड की खूबसूरत वादियों के पीछे छिपे बदनुमा दागों पर चर्चा कम ही होती है. 26 अप्रैल की रात गढ़वाल मंडल के गाँव कोट में बसाणगाँव निवासी 21 साल के दलित युवक जितेन्द्र... Read more
उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल में पौड़ी जिले का ऐतिहासिक क़स्बा है श्रीनगर. अलकनंदा नदी के तट पर बसा श्रीनगर भारत के उन ऐतिहासिक स्थलों में माना जाता है जो 5000 साल पहले से विद्यमान हैं. इन सालों मे... Read more
धार्मिक आस्था का केंद्र जोशीमठ ऐतिहासिक व धार्मिक महत्त्व का शहर है. गढ़वाल मंडल के चमोली जिले के पेनखंडा परगने में स्थित जोशीमठ का पौराणिक नाम ज्योतिर्मठ बताया जाता है. जोशीमठ कर्णप्रयाग बद्... Read more
मदमहेश्वर: जहां शिव की नाभि पूजी जाती है
द्वितीय केदार मदमहेश्वर मद्महेश्वर, मध्यमहेश्वर या मदमहेश्वर उत्तराखण्ड के गढ़वाल मंडल के रुद्रप्रयाग जिले में है. यह पंचकेदार मंदिर समूह का द्वितीय केदार है. प्रथम केदार केदारनाथ, तृतीय केदा... Read more
गढ़वाल मंडल के चमोली जिले की नीति घाटी में एक गाँव है मलारी. 2001 की जनगणना के मुताबिक मलारी की जनसंख्या 649 थी, इसमें 318 पुरुष और 331 महिलाएं शामिल हैं. गाँव के लोग शीतकालीन प्रवास पर 6 मही... Read more
उत्तराखण्ड में धधकते जंगल और सुलगते सवाल
उत्तराखण्ड नियति के भरोसे चलने वाला राज्य बनकर रह गया है. अन्य हिमालयी राज्यों की तरह इस राज्य के सामने हमेशा ही प्राकृतिक रूप से ज्यादा चुनौतियाँ रही हैं और आज भी हैं. राज्य के नीति नियंताओ... Read more
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