उत्तराखंड सीमांत और नेपाल की विभाजक है काली नदी. 1815 के बाद ब्रितानी हुकूमत ने नेपाल को कालीपार सीमा से बांध दिया. इस घटना पर मोलाराम ने लिखा: डोटी मांहि गोरषा बैठे, कालीवार इंगरेज हि बै... Read more
पिथौरागढ़ जिले के झूलाघाट कस्बे से पांच किमी की दूरी पर स्थित है तालेश्वर धाम. तालेश्वर धाम झूलाघाट से जौलजीबी को जाने वाले पैदल रास्ते पर नेपाल से आने वाली चमलिया और काली नदी के संगम पर स्थि... Read more
काली कुमाऊँ की काली नदी
काली नदी उत्तराखण्ड की 4 बड़ी नदियों में से एक है. यह गंगा नदी की मुख्य सहायक नदी है. यह कुमाऊँ मंडल में भारत तथा नेपाल की सीमा में प्रवाहित होती है. काली नदी का उद्गम स्थल लप्यालेख दर्रे के... Read more
व्यापारिक, धार्मिक और सामरिक महत्व का शहर टनकपुर
उत्तराखण्ड के कुमाऊँ मंडल की मंडी है टनकपुर, चम्पावत और पिथौरागढ़ का प्रवेशद्वार. शारदा नदी के तट पर बसा टनकपुर कभी एक छोटा सा गाँव हुआ करता था जो अपनी भूराजनीतिक स्थिति की वजह से एक बड़ी मंडी... Read more
Popular Posts
- 1886 की गर्मियों में बरेली से नैनीताल की यात्रा: खेतों से स्वर्ग तक
- बहुत कठिन है डगर पनघट की
- गढ़वाल-कुमाऊं के रिश्तों में मिठास घोलती उत्तराखंडी फिल्म ‘गढ़-कुमौं’
- गढ़वाल और प्रथम विश्वयुद्ध: संवेदना से भरपूर शौर्यगाथा
- साधो ! देखो ये जग बौराना
- कफ़न चोर: धर्मवीर भारती की लघुकथा
- कहानी : फर्क
- उत्तराखंड: योग की राजधानी
- मेरे मोहल्ले की औरतें
- रूद्रपुर नगर का इतिहास
- पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय और तराई-भाबर में खेती
- उत्तराखंड की संस्कृति
- सिडकुल में पहाड़ी
- उसके इशारे मुझको यहां ले आये
- नेत्रदान करने वाली चम्पावत की पहली महिला हरिप्रिया गहतोड़ी और उनका प्रेरणादायी परिवार
- भैलो रे भैलो काखड़ी को रैलू उज्यालू आलो अंधेरो भगलू
- ये मुर्दानी तस्वीर बदलनी चाहिए
- सर्दियों की दस्तक
- शेरवुड कॉलेज नैनीताल
- दीप पर्व में रंगोली
- इस बार दो दिन मनाएं दीपावली
- गुम : रजनीश की कविता
- मैं जहां-जहां चलूंगा तेरा साया साथ होगा
- विसर्जन : रजनीश की कविता
- सर्वोदयी सेविका शशि प्रभा रावत नहीं रहीं