थल का बालेश्वर मन्दिर: जगमोहन रौतेला का फोटो निबंध
बेड़ीनाग (पिथौरागढ़) से थल (पिथौरागढ़) को जाते हुए पूर्वी रामगंगा के पुल को पार करते ही थल का बाजार शुरु हो जाता है. मुख्य बाजार की ओर जाते हुए पुल से लगभग 25-30 मीटर की दूरी पर बाईं ओर रामग... Read more
हरद्यो नंदा: हरदेवल की नन्दा
यह मंदिर पिथौरागढ़ से 18 किमी दूर बुंगाछीना की पहाड़ी पर स्थित है. यहाँ वैष्णव मूर्तियों के अलावा शिव तथा नंदा के मंदिर भी हैं. कर्क संक्रान्ति, श्रावण प्रथम मास में हरियाले के मौके पर... Read more
महंत कहते हैं क्यूंकालेश्वर नहीं कंकालेश्वर है पौड़ी के इस विख्यात मंदिर का असली नाम
पौड़ी गढ़वाल में स्थित विख्यात कंकालेश्वर मंदिर को पर्यटन विभाग क्यूंकालेश्वर मंदिर के नाम से प्रचारित करता है अलबत्ता वहां रहने वाले महंत कहते हैं कि इसका वास्तविक नाम कंकालेश्वर है. वे मंद... Read more
डाना गैराड़ के कलबिष्ट देवता की शरण में
चरवाहे लोकदेवता कलबिष्ट की शरण में (एक लोक देवता के अंकुरण की पृष्ठभूमि)-बटरोही इतने सालों के बाद क्या उसका यह कायांतरण संभव था? कलबिष्ट की इसी परंपरा के अंश के रूप में आज से चौहत्तर साल पहल... Read more
काली कुमाऊँ योद्धाओं का क्षेत्र है, अतः यहाँ की सभी परंपराएँ शक्ति (ताकत) से जुड़ी हुई हैं. दानवों की भूमि होने के कारण संभवतः न्याय पक्ष के लिए सहज ही अपने प्राण उत्सर्ग करने की प्रवृत्ति य... Read more
पिथौरागढ़ जिले के झूलाघाट कस्बे से पांच किमी की दूरी पर स्थित है तालेश्वर धाम. तालेश्वर धाम झूलाघाट से जौलजीबी को जाने वाले पैदल रास्ते पर नेपाल से आने वाली चमलिया और काली नदी के संगम पर स्थि... Read more
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