पिथौरागढ़ की डीडीहाट तहसील में एक गांव है मड़. डीडीहाट से 15 किमी की दूरी पर चौबाटी क़स्बा है यहां मोटर मार्ग से करीब ढाई किमी की दूरी पर सूर्य का मंदिर है. Sun Temple in Pithoragarh
यह सूर्य का मंदिर पिथौरागढ़ जिले का सबसे बड़ा सूर्य का मंदिर है. 10 मंदिरों के इस समूह में मुख्य मंदिर सूर्य का है. मंदिर में स्थित मूर्ति के आधार पर कहा जा सकता है कि यह मंदिर दसवीं सदी का है. यह मंदिर स्थानीय ग्रेनाईट प्रस्तर खण्डों का बना है.
मंदिर परिसर में सूर्य के अतिरिक्त शिव-पार्वती, विष्णु, भैरव, दुर्गा, लक्ष्मी, सरस्वती आदि के भी छोटे-छोटे मंदिर हैं. सूर्य मंदिर के आधार पर इस गांव को आदित्यगांव भी कहा जाता है.
मंदिर में लगी सूर्य की मूर्ति सबसे बड़ी है. इस मूर्ति में सूर्यनारायण भगवान, सात अश्वों के एक चक्रीय रथ पर सुखासन में बैठे हैं जिनके दोनों हाथ कंधे तक उठे हैं.
मंदिर में प्रत्येक दिन और विशेष अवसरों पर पूजा-पाठ होता है लेकिन माघ के महीने में सूर्य खष्ठी के दिन इस मंदिर में विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है. गांव वाले अपनी नई फसल वगैरा भी सबसे पहले मंदिर में चढ़ाते हैं.
मुख्य मंदिर को ध्यान से देखने पर दिखता है कि यह पूर्व की ओर झुका हुआ है. यह मंदिर कई सालों से इसी तरह से झुका है. मंदिर के झुकने की जानकारी गांव वालों ने पुरात्व विभाग को दे दी गयी है लेकिन उनके द्वारा मंदिर के लिये कोई प्रयास नहीं किया गया.
पुरात्व विभाग के अधीन आने के बाद भी गाँव वालों ने आपस में धन जमाकर मंदिर का रखरखाव किया है. मंदिर के रख-रखाव के लिये दान करने वाले लोगों की एक सूची भी मंदिर परिसर में लगी है. Sun Temple in Pithoragarh
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मूलरूप से पिथौरागढ़ के रहने वाले नरेन्द्र सिंह परिहार वर्तमान में जी. बी. पन्त नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ हिमालयन एनवायरमेंट एंड सस्टेनबल डेवलपमेंट में रिसर्चर हैं.
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Thanks Mr. Parihar, for getting acquaintted with the statue of Marh sun temple .It seems to be of very ancient and most valuable asset of Hindus. It requires protection and renovation.
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