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3 Comments

  1. जय प्रकाश

    भाई लोगो का मिलने आने से ऐसा लगना कि, जैसे हमारा वो घर खुद हमारे पास चलकर आ गया है ।
    लेखक द्वारा कहानी की ये पंक्तिया दिल को छू गयी । बूढ़े होने से रिश्ते नही भुलाये जा सकते । बहुत अच्छी कहानी ।

  2. Gomti pandey

    Sach boodhe hone se bhavnaye nahi badal jati.mayka to dil main basa hota hai.bahut achchi prastuti.

  3. Rajendra Durgapal

    भिटौली की बातें सुनकर मुझे मेरी मां की याद आ गई जब मेरे मामा जी चैत के महीने में ईजा के लिए भिटौली लाते थे तो ईजा कितना खुश हो जाया करती थी, इस लेख ने बचपन के उन दिनों को एक बार फिर ताजा कर दिया है।
    धन्यवाद 🙏
    राजेन्द्र दुर्गापाल
    कोटद्वार

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