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2 Comments

  1. राजेंद्र

    सर को पढ़ के हमेशा ही अच्छा लगता है |
    जितना मुझे याद आ रहा है ऊपर तुलसीदास की जिन पंक्तियों का जिक्र है वो “कवितावाली” की हैं

  2. navin chandra pant

    बहुत सुंदर श्रीमान. यूं ही आपकी लेखनी चलती रहे हमेशा

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