प्रति,
श्रीमान अड़ेमिन महोदय
हाय हाय ग्रुप
भट्स ऐप
विषय: ग्रुप से रिमूव किये जाने बाबत निवेदन पत्र
महोदय,
विषय में सादर निवेदन है कि प्रार्थी भोगीलाल वल्द जोगीलाल आपके ग्रुप का निकम्मा, निष्क्रिय प्रकार का सदस्य है, जिसे आपके ग्रुप में एक अन्य अड़ेमिन द्वारा मुम्बई की लोकल की तरह जबरदस्ती घुसेड़ लिया गया है. इस कार्यवाही पर हमें अपने नेताजी कठोर सिंह जी की भी याद आई की किस तरह उनके पट्ठे हमें ज़बरदस्ती उठा कर रैली में ले जाते थे और नारे लगवाते थे.
श्रीमान, लब्ध प्रतिष्ठित विचारकों से परिपूर्ण आपका ग्रुप ओजस्वी चिंतन का वह स्थान है जिसमें से ज्ञान की निर्झर गंगा निरंतर हमारे स्मार्ट फोन में अवतरित होती रहती है. प्रार्थी के फोन ने इस ज्ञान सरिता से अपनी क्षमतानुरूप, पूर्ण उदर, विचार पान कर लिया है. अब अतिरिक्त बौद्धिक हेतु अवकाश शेष नहीं है.
श्रीमान हम जान चुके हैं कि भले ही हमारी पुलिस कितनी भी आलसी और निकम्मी क्यों न हो, एटीएम का पिन उल्टा डालते ही ऊ!ऊ! साइरन बजाती तत्काल हाजिर हो जाएगी. हमें पता है कि मैथी, ज़ीरा, अजवाइन, हल्दी, गुड़, धनिया आदि खाने से कौन सी बीमारियां ठीक होती हैं. खाने के पैकेट पर लिखे सारे तीन सौ साठ अंतर्राष्ट्रीय कोड हमें कंठस्थ हो चुके हैं. आपके ग्रुप की कृपा से कैंसर से लेकर किडनी की खराबी और हार्ट के ब्लॉकेज खोलने का इलाज भी अब हम घर बैठे कर सकते हैं.
परंतु श्रीमान, ज्ञान के इस अतिरेक से हमारा फोन, जो पहले स्मार्ट हुआ करता था अब बिलकुल भी वैसा नहीं रहा है. उसकी गति से लगता है जैसे उसे गठिया हो, वात हो. कभी लगता है मैसेज खा-खा कर उसकी तोंद निकल आई है, या कभी वो लगातार भोजन करता जा रहा कब्ज का वो मरीज दिखता है जिसे समय-समय पर डिलीट का एनीमा देना पड़ता हो. और इस डिलीट की कार्यवाही में हमारी चार सीएल खप चुकी हैं.
श्रीमान हम तीन बार सिलिंडर का नंबर लगा चुके हैं. हमारे घर गैस ख़त्म हो गई है. अतः अब हम आपके किसी भी मैसेज को आग की तरह नहीं फैला सकते. और गैस सब्सिडी छोड़ने के बाद यह बहुत महंगा भी पड़ता है. अतः क्षमा चाहते हैं.
श्रीमान पम्मी आंटी आपके ग्रुप के अलावा अन्य चार ग्रुप में भी मेरी हममेंबर हैं. उनकी अपने प्रागैतिहासिक पपड़ीदार ओष्ठों को, वृताकार बना, बेलनाकार रूप में मुख से बाहर निकाल खिंचाई फोटो को हमे पांच-पांच बार डिलीट करना पड़ता है. अब तो हमारा फोन हमसे इच्छामृत्यु मांग रहा है.
श्रीमान हमें लगता है कि सारे त्यौहार हम केवल इसलिए मनाते हैं कि ग्रुप पर मैसेज भेज सकें. अभी नया साल आया. अब छब्बीस जनवरी की कल्पना से ही हम सिहर उठे हैं. और अगर बीच में संक्रांति का ख्याल आ जाये तो… तो बेहोशी ही छा जाती है.
श्रीमान जी, एक राज़ की बात ये है कि आपके ग्रुप के कारण हमारी गर्लफ़्रेंड से तलाक़ की नौबत आ गई है. क्योंकि जैसे ही उसकी ज़िद मुताबिक हम कहीं जाने का प्रोग्राम बनाते हैं, आपके ग्रुप का कोई सदस्य बता देता है कि आज बाहर मत जाना, आज कॉस्मिक किरणें निकलेंगी.
श्रीमान जी ऐसा नहीं है कि हम ग्रुप को खुद से छोड़ नहीं सकते (जैसा कि आप सोच भी रहे होंगे). राष्ट्र रक्षक, दीन के दीवाने, लाल सलाम, दिल्ली की खुजली, जय शिलाजीत जैसे कई ग्रुप हम छोड़ चुके हैं. परंतु पिछली बार झोंक-झोंक में हम एक ऐसा ग्रुप ‛प्रभु की कृपा’ छोड़ बैठे जिससे हमारी नौकरी जाते जाते बची; दो इंक्रीमेंट रुके अलग से.
श्रीमान आप हमें एक बार अनुमति दे दें तो हम ‘वो’ वाले वीडियो, जो आपने हमें भेजे थे, ग्रुप पर डाल देंगे. हमे पूर्ण विश्वास है कि ‘वो’ वाले वीडियो सेव करने के बाद सभी हम पर टूट पड़ेंगे. उसी समय आप तत्काल हमे रिमूव कर लिख देना कि अनैतिकता, अश्लीलता, भ्रष्टाचार स्वीकार नहीं होगा. आप वो संस्कृति की रक्षा वाला भाषण भी दुहरा देना.
श्रीमान हम चाहे तो गुड मॉर्निंग, गुड नाईट, इक्यावन लोगों को भेजो वाले मैसेज भेज-भेज कर लोगों को हमें रिमूव करने पर मजबूर कर दें. पर उसमे बद्दुआ का पाप लगता है. उपरोक्त तरीके से पाप नहीं लगेगा.
श्रीमान आप हमें बस एक इशारा कर दें, हम आपके द्वारा भेजी गई ह्यू हेफनर की कोई भी अनुपम कृति ग्रुप पर पोस्ट कर देंगे. रिमूव होने की प्रतीक्षा में. आपका..
भोगीलाल
हैरान गली
परेशान नगर
चटोराबाद.
नोट: ह्यू हेफनर- अंतरष्ट्रीय संबंधों की प्रसिद्ध पत्रिका प्ले बॉय के संस्थापक.
मूलतः ग्वालियर से वास्ता रखने वाले प्रिय अभिषेक सोशल मीडिया पर अपने चुटीले लेखों और सुन्दर भाषा के लिए जाने जाते हैं. वर्तमान में भोपाल में कार्यरत हैं.
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