“क्या आप अपनी नौकरी से परेशान हैं? क्या आपको अपनी नौकरी में अनेक बाधाओं का सामना करना पड़ता है?
(Sarsarana Satire by Priy Abhishek)
क्या नौकरी के दौरान आप को यह महसूस होता है कि आप इस नौकरी में दस साल पहले भी आ सकते थे, क्योंकि आप से जो काम लिये जाते हैं उनके लिये एमबीए नहीं, आठवीं पास होना पर्याप्त है?
क्या आपको रात को आठ से दस बजे तक कार्यालय में रुकना पड़ता है और जूली साढे पांच बजे ‘बाय’ करके चली जाती है?
क्या आपको रविवार को कार्यालय आना पड़ता है और उस चाबी से खुद ऑफिस खोलना पड़ता है, जिसे चपरासी चैनू शनिवार को ही आपको दे गया था, यह कह कर कि लो पकड़ो चाबी! मैं तुम्हारी तरह ग़ुलाम नहीं हूँ. और उसी रविवार को जूली ऑफिस के सामने से सिनेमा जाती है?
(Sarsarana Satire by Priy Abhishek)
क्या आपको प्रमोशन के लिये बॉस की बहुत चिरौरी करनी पड़ती है ? और क्या उस चिरौरी के बाद जूली का प्रमोशन होता है?
क्या जूली एक्सेल शीट पर व्हाइटनर का प्रयोग कर सकती है, पर आप नहीं?
क्या जूली गलती से फाइलें डिलीट कर सकती है, पर आप नहीं?
क्या जुली अपनी दादी को साल में बीस से पच्चीस बार मार सकती है, आप नहीं?
क्या जूली को उसका अपना चैम्बर मिल सकता है, आपको नहीं?
क्या जूली ….”
“हाँ! हाँ! हाँ! … ये सही है. सही है ये. पर क्यों? आख़िर क्यों…”
“जिन जातकों की कुंडली में बॉस नामक ग्रह ठीक न हो उन्हें इस प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. यदि जातक की कुण्डली में बॉस ग्रह तीसरे, छठवें, आठवें, या बारहवें स्थान पर हो तो जातक की बारह बजना सुनिश्चित है.”
(Sarsarana Satire by Priy Abhishek)
“तो फिर क्या करूँ? कोई उपाय?”
“सरसराना होगा!”
“क्या?”
“सरसराना होगा!…. सरसराना. बॉस ग्रह की पूजा करनी होगी. इस सम्पूर्ण विधि को सरसराना कहते हैं. सरसरोपनिषद में इसका विस्तार से वर्णन है. ये बॉस की आराधनाओं का समुच्चय है. जातक अपनी पसन्द अनुसार निम्न में से एक मंत्र का जाप करे!-
ब्रां ब्रिं ब्रां सः बॉसाय नमः (वैदिक मंत्र)
बं बॉसाय नमः (बीज मंत्र)
उक्त मंत्र का नित्य जाप करने से बॉस की कृपा प्राप्त होना सुनिश्चित है. निरंतर पाठ करने से यह मंत्र सिद्ध हो जाता है. विशेषरूप से इकत्तीस मार्च की रात जो सभी कॉर्पोरेट जातकों, बैंक जातकों के लिये अत्यंत महत्व की रात है, उस दिन इन मंत्रों का विशेष रूप से जाप करें. और दूसरे दिन बॉस को काजू, ग्रीन सलाद और भरी सीलबंद बोतल अर्पित करें. और कहें- हे देवानम्पिय! पियदस्सी! आप की कृपा हम पर सदा बनी रहे.”
“और कोई उपाय?”
“इसके अतिरिक्त कुछ शाबर मंत्र भी हैं जो तत्काल लाभ दिलवाते हैं. ये मंत्र बॉस के सामने बोलने है या उससे फोन पर बात करते हुए. अन्य शाबर मंत्रों के विपरीत ये मंत्र फोन पर भी उतना ही चमत्कार दिखाते हैं. ये मंत्र हैं
– स स स जी स यस स आशिवा स कृपा स
(Sarsarana Satire by Priy Abhishek)
-आदेश स हो जाएगा स मै देता हूँ स कवाता हूँ स
-नो प्रबम्म स कैसी बा कत्ते हैं स
इन मंत्रों को ‘फट् स्वाहा’ की तरह बोलें. शाबर मंत्रों के अर्थों पर ध्यान नहीं देना है. और न बॉस को तुम्हारी बातों के अर्थ में कोई दिलचस्पी है.”
“ऑफिस में कोई सावधानी, कोई टोटका करना है क्या?”
“हाँ, ऑफिस के प्रथम प्रहर में बॉस के कक्ष में बॉस-नमस्कार करें. सुबह-सुबह जैसे ही बॉस आयें तो सब काम-धाम छोड़ कर उनके सामने कुछ इस तरह हाज़िर हों जैसे कोई कनीज़ किसी बादशाह सलामत के दरबार में हाज़िर होती है.
(Sarsarana Satire by Priy Abhishek)
इस व्यायाम में शरीर का ऊपरी भाग थोड़ा आगे झुका हो, पृष्ठ भाग थोड़ा पीछे निकला हो. यदि कुर्सी पर बैठे हैं तो कुर्सी के बिल्कुल अग्र भाग पर मेरुदण्ड को सीधा करके बैठें. निरन्तर खीसें निपोरते रहें. दोनों हथेलियों को परस्पर मलते रहें. बॉस हँसे तो ज़ोर से ताली बजाकर हँसे और मन में ‘अस्त्राय फट्’ कहें. ध्यान रहे इस काल में कोई अन्य कार्य करना निषेध है. सम्भव हो तो लंच तक इस साधना को खीचें.
इन उपायों को अपनाने वाले जातक नौकरी में विशेष रूप से सफलता अर्जित करते हैं. वे बॉस के सदैव प्रिय रहते हैं. प्रमोशन, इंक्रीमेंट और पेंशन समय से प्राप्त करते हैं. तथास्तु.”
“भोगी बाबा की जय!”
(Sarsarana Satire by Priy Abhishek)
प्रिय अभिषेक
मूलतः ग्वालियर से वास्ता रखने वाले प्रिय अभिषेक सोशल मीडिया पर अपने चुटीले लेखों और सुन्दर भाषा के लिए जाने जाते हैं. वर्तमान में भोपाल में कार्यरत हैं.
काफल ट्री के फेसबुक पेज को लाइक करें : Kafal Tree Online
इसे भी पढ़ें: वीर भोग्या वसुंधरा
Support Kafal Tree
.
काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें
मौत हमारे आस-पास मंडरा रही थी. वह किसी को भी दबोच सकती थी. यहां आज…
(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में आज से कोई 120…
उत्तराखंड के सीमान्त जिले पिथौरागढ़ के छोटे से गाँव बुंगाछीना के कर्नल रजनीश जोशी ने…
(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में…
पिछली कड़ी : साधो ! देखो ये जग बौराना इस बीच मेरे भी ट्रांसफर होते…
आपने उत्तराखण्ड में बनी कितनी फिल्में देखी हैं या आप कुमाऊँ-गढ़वाल की कितनी फिल्मों के…