वर्ष 2014 में हल्द्वानी में हुए नृशंस लाड़ली हत्याकांड के मुख्य आरोपी की मौत की सजा को हाईकोर्ट ने फांसी की सजा बरकरार रखी है. छः साल पहले हुए लाडली हत्याकांड में आरोपियों को जिला न्यायालय द्वारा मौत की सजा दी थी. (Rape and Murder in Haldwani 2014)
वर्ष 2014 में पिथौरागढ़ से हल्द्वानी आये परिवार की छः साल की बेटी के साथ बलात्कार और हत्या की घटना हुई थी. उस घटना ने पूरे पहाड़ को दहला कर रख दिया था. पहाड़ को दहला कर रख देने वाली इस घटना के बाद लोगों ने प्रदर्शन किया गया था. (Rape and Murder in Haldwani 2014)
हल्द्वानी के शीशमहल के पास हुए इस नृशंस हत्याकांड के छः दिन तक लाडली का शव नहीं मिला था. घटना के छः दिन बाद तक लाडली का शव नहीं मिला था.
छः दिन बाद जब लाडली का शव मिला तो स्थानीय लोगों में तीव्र आक्रोश भर गया. कुमाऊं समेत पूरे उत्तराखंड में लोगों ने लाडली को न्याय दिलाने को लड़ाई लड़ी.
घटना के बाद पुलिस जांच में पता चला कि आरोपियों ने बच्ची को टॉफ़ी देने के बहाने बुलाया. जिसके बाद बच्ची के साथ जंगल में सामूहिक दुष्कर्म किया. घटना के एक हफ्ते बाद पुलिस ने मुख्य आरोपी को चंडीगढ़ से गिरफ्तार किया था.
आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने कई राज्यों में सर्च आपरेशन चलाया था. सर्च आपरेशन की कमान पुलिस अफसर सदानंद दाते के हाथ पर थी.
आज नैनीताल हाईकोर्ट ने जिला न्यायालय के फैसले को बरक़रार रखते हुए मुख्य आरोपी की फांसी की सजा बरक़रार रखा है.
-काफल ट्री डेस्क
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