प्यार करते हैं
नवीन सागर
लालच और नफरत की ऑंधी है
फोटू में गॉंधी है
और बाजार ही बाजार है.
ऐसे में वह दिन आता है
जब युद्ध जरूरी हो जाता है
नजरें बचाते हुए
कहते हैं युद्ध अब जरूरी है.
वह दिन आता है
जब एक जड़ इबारत
भावनाओं की जगह उमड़ती है
और घेर लेती है
जब एक निनादित नाम
और सामूहिक अहंकार होता है.
जब अच्छाइयॉं
बिना लड़े हारती हैं
जब कोई किसी को कुचलता
चला जाता है
और कोई ध्यान नहीं देता
तब एक दिन आता है
जब सेना के मार्च का इंतजार करते हैं
बत्तियॉं बुझा लेते हैं
और कहते हैं प्यार करते हैं.
मध्य प्रदेश के सागर में 29 नवम्बर 1948 को जन्मे नवीन सागर (Naveen Sagar) के कुल दो कविता संग्रह प्रकाशित हुए – नींद से लंबी रात’ और ‘हर घर से गायब’. बेहद संवेदनशील कविताओं के कवि नवीन सागर लोकप्रियता और प्रसिद्धि से दूर रहने वाले इंसान थे. 14 अप्रैल 2000 को हुई अपनी असमय मृत्यु से पहले वे अपना एक अलग नाम बना चुके थे.
काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें