अंकिता हत्याकांड पर छिछली टिप्पणी करने वाले आरएसएस नेता विपिन कर्णवाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. सीओ ऋषिकेश डीसी ढौंडियाल ने जानकारी दी है- “अंकिता हत्याकांड को लेकर सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में देहरादून ज़िले के रायवाला थाना पुलिस ने आरएसएस नेता विपिन कर्णवाल के खिलाफ समाज में तनाव फैलाने के साथ ही महिला का अपमान करने का मामला दर्ज़ किया है. आरोपी की तलाश की जा रही है.” (FIR Registered Against RSS Leader)
गौरतलब है कि कर्णवाल संघ में हरिद्वार, रुड़की व ऋषिकेश के विचार विभाग प्रचार प्रमुख हैं. बीते मंगलवार को उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी टिप्पणी में लिखा—
‘मैं इसलिए किसी कैंडल मार्च या बाजार बंद कराने नहीं गया, जो बाप भाई 19 साल की लड़की की कमाई खाता हो, जिसकी बेटी और बहन सुनसान जंगल में स्थित एक ऐसे रिजॉर्ट में काम करती हो, जहां अय्याशी होती हो. कांड होने के बाद जिस बाप को उसकी लड़की का जम्मू वाला फ्रेंड आकर आंखे खोलता हो, सबसे बड़ा गुनहगार तो ऐसी लड़की का बाप ही है. इस बाप ने कच्चा दूध भूखे बिल्लों के सामने रख दिया. उसके लिए क्या सड़कों पर चिल्लाना, जिसने बाद में लड़की की लाश भी बेच दी.’
इस टिप्पणी के बाद अंकिता हत्याकाण्ड को लेकर संवेदनशील उत्तराखंड में चारों तरफ आक्रोश फ़ैल गया. कर्णवाल की संघ के बड़े नेताओं के साथ तस्वीरें सोशल मीडिया में तैरने लगीं. मामला गर्माते देख कर्णवाल ने अपनी पोस्ट को सोशल मीडिया से हटा लिया. आरएसएस पदाधिकारी पर मुकदमा दर्ज करने की मांग को लेकर बुधवार को भारी संख्या में इकठ्ठा हुए लोगों ने रायवाला थाने का घेराव भी किया. इस दौरान थाना प्रभारी के खिलाफ भी नारेबारी कर आरोप लगाया कि पुलिस आरएसएस पदाधिकारी को शह दे रही है. इस दौरान हाईवे पर सांकेतिक जाम भी लगाया गया. (FIR Registered Against RSS Leader)
पूरे मामले को समझने के लिए किसे पढ़ें : अंकिता भंडारी केस में अब तक क्या हुआ?
हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें: Kafal Tree Online
काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें
लम्बी बीमारी के बाद हरिप्रिया गहतोड़ी का 75 वर्ष की आयु में निधन हो गया.…
इगास पर्व पर उपरोक्त गढ़वाली लोकगीत गाते हुए, भैलों खेलते, गोल-घेरे में घूमते हुए स्त्री और …
तस्वीरें बोलती हैं... तस्वीरें कुछ छिपाती नहीं, वे जैसी होती हैं वैसी ही दिखती हैं.…
उत्तराखंड, जिसे अक्सर "देवभूमि" के नाम से जाना जाता है, अपने पहाड़ी परिदृश्यों, घने जंगलों,…
शेरवुड कॉलेज, भारत में अंग्रेजों द्वारा स्थापित किए गए पहले आवासीय विद्यालयों में से एक…
कभी गौर से देखना, दीप पर्व के ज्योत्सनालोक में सबसे सुंदर तस्वीर रंगोली बनाती हुई एक…