यह किसने कल्पना की थी कि कभी किताब और कौथिग का मेल हो सकता है. एक-दूसरे से विपरीत प्रकृति के दो शब्दों ने एक अभिनव पहल का सृजन किया है जिसे प्रदेश भर के लोग ‘किताब कौथिग’ नाम से जानते हैं.
(Pithoragarh Kitaab Kautik)
टनकपुर से शुरू हुआ यह कारवां बागेश्वर और चम्पावत होता हुआ पहुंच रहा है पिथौरागढ़ जिले में. जुलाई महीने की शुरूआत में 4, 5 और 6 तारीख को पिथौरागढ़ में होगा ‘किताब कौथिग’. कुमाऊं की अपनी भाषाई विविधता के चलते पिथौरागढ़ में यह कहलायेगा – किताब कौतिक.
पढ़ने लिखने की संस्कृति को बढ़ाने के उदेश्य से शुरू की गयी इस पहल का अगला पड़ाव जिला पिथौरागढ़ का मुख्यालय है. इस आयोजन में 60 प्रकाशकों की 60,000 किताबें लोगों के बीच होंगी. नेचर वाक से लेकर तारे सितारों से जुड़ी रोचक गतिविधि इस आयोजन में शामिल की गयी हैं.
लेखकों से सीधी बातचीत के अतिरिक्त साहित्यिक परिचर्चा भी ‘पिथौरागढ़ किताब कौतिक’ का मुख्य आकर्षण हैं. इस आयोजन में संस्कृतिक संध्या के साथ बच्चों के लिये विज्ञान कोना नज़र आयेगा.
(Pithoragarh Kitaab Kautik)
‘पिथौरागढ़ किताब कौतिक’ एक विशेष साहित्यिक सत्र का आयोजन होना है. पिथौरागढ़ जिला – गौरवशाली इतिहास और भविष्य की संभवनाएं, मानसखंड – पौराणिकता और नए संदर्भ, वर्तमान समय में पत्रकारिता और स्थानीय भाषाओं का शिक्षा महत्व जैसे विषय इस साहित्यिक सत्र में शामिल किए गए हैं.
पिथौरागढ़ जिला प्रशासन द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम नगर पालिका बारात घर भाटकोट में आयोजित होना है. ‘पिथौरागढ़ किताब कौतिक’ से जुड़ी समस्त जानकारी नीचे दी गयी हैं.
(Pithoragarh Kitaab Kautik)
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