धारचूला की चौदांस पट्टी रहने वाले रं संस्कृति के लोग हर बारहवें वर्ष कंगडाली का त्यौहार मनाते हैं.
इस पर्व में चौदांस घाटी के लोग दूर-दूर से अपने गाँवों में आते हैं और एक नियत दिन पारम्परिक वेशभूषा वनों में जाकर सामूहिक रूप से अपशकुन और विनाश का प्रतीक माने जाने वाले कंडाली पौधों को नष्ट करते हैं. पिछली बार यह आयोजन वर्ष 2011 में हुआ था. उस अवसर पर कुछ शानदार तस्वीरें धीराज सिंह गर्ब्याल ने खींची थीं. देखिये –
धीराज सिंह गर्ब्याल. उत्तराखण्ड के पिथौरागढ़ जिले धारचूला तहसील की व्यांस घाटी के गर्ब्यांग गाँव के मूल निवासी धीराज सिंह गर्ब्याल उत्तराखंड सरकार में वरिष्ठ अधिकारी हैं. पर्यटन से जुड़ी एक राजकीय इकाई का प्रबंध निदेशक रहते हुए उन्होंने राज्य के पर्यटन परिदृश्य को बदलने में कई महत्वपूर्ण कार्य किये हैं. खेल, साहसिक पर्यटन और उत्तराखंडी संस्कृति में विशेष अभिरुचि रखने वाले धीराज बहुत अचछे फोटोग्राफर भी हैं.
काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें
उत्तराखंड की भौगोलिक, सांस्कृतिक व पर्यावरणीय विशेषताएं इसे पारम्परिक व आधुनिक दोनों प्रकार की सेवाओं…
अल्मोड़ा गजेटियर किताब के अनुसार, कुमाऊँ के एक नये राजा के शासनारंभ के समय सबसे…
हमारी वेबसाइट पर हम कथासरित्सागर की कहानियाँ साझा कर रहे हैं. इससे पहले आप "पुष्पदन्त…
आपने यह कहानी पढ़ी "पुष्पदन्त और माल्यवान को मिला श्राप". आज की कहानी में जानते…
बहुत पुराने समय की बात है, एक पंजाबी गाँव में कमला नाम की एक स्त्री…
आज दिसंबर की शुरुआत हो रही है और साल 2025 अपने आखिरी दिनों की तरफ…