कैलाश-मानसरोवर और आदि-कैलाश की पवित्र तीर्थयात्राओं का मार्ग उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले की धारचूला तहसील में पड़ने वाली व्यांस घाटी से होकर गुज़रता है. इस घाटी का अद्भुत सौन्दर्य अपने कैमरे में कैद किया है बंगलूर में रहनेवाले हमारे छायाकार साथी तिम्मारायास्वामी कृष्णप्पा ने.

जौलिंगकौंग से आदिकैलाश शिखर

कुटी गाँव का प्रवेशममार्ग

अपी नाम्पा का शिखर

बूदी गाँव में कुमाऊँ मंडल विकास निगम का कैम्प

छियालेख के रास्ते

कुटी यांग्ती का ग्लेशियर

जौलिंगकौंग और कुटी के बीच

कुटी यांग्ती नदी

कुटी यांग्ती और ग्लेशियर

कुटी यांग्ती

फूलों का बुग्याल

कुटी और जौलिंगकौंग के बीच इकलौता भोजपत्र का पेड़

जौलिंगकौंग के पास स्मृतिशिला
बंगलौर में रहने वाले तिम्मारायास्वामी कृष्णप्पा पिछले करीब छः सालों से कुमाऊँ और गढ़वाल की लम्बी यात्राएं करते आ रहे हैं. कर्नाटक के मालूरकोला जिले के एक छोटे से गाँव में 24 मई 1984 को जन्मे तिम्मारायास्वामी कृष्णप्पा कम्प्यूटर साइंस में एम. टेक हैं और पिछले छः सात वर्षों से फोटोग्राफी कर रहे हैं. कुमाऊँ मंडल विकास निगम द्वारा प्रकाशित पुस्तक ‘थ्रोन ऑफ़ गॉडस’ में उनके अनेक चित्र संकलित हैं.
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2 Comments
Thimmarayaswamy K
Thanks Ashokji for wonderful post. Uttarakhand is “Simply Heaven”.
Anonymous
खूबसूरत तस्वीरें पाठकों-दर्शकों तक पहुंचाने के लिए काफल टीम का शुक्रिया। तिम्मारायास्वामी कृष्णप्पा जी आप यूं ही जीवंत तस्वीरें उतारते रहें। ?