जब उत्तराखंड का कोई व्यक्ति देश की संसद में चुनकर जाता है तो जनता की उनसे उम्मीद रहती है कि वह जनता से जुड़े मुद्दों पर बोलेगा. बादल फटना, भूस्खलन, हिमालयी क्षेत्रों में सस्टेनेबल डेवलपमेंट ऐसे कुछ मुद्दे हैं जो उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्य से सीधे तौर पर जुड़े हैं.
(Parliamentary Questions Related to Uttarakhand)
जोशीमठ का विषय हो या फिर राज्य में लगातार हो रही बादल फटने जैसी घटनाएं. राज्य के लोगों की उम्मीद अपने सांसदों यह रहती है कि वह उनके मुद्दे संसद में जरूर उठाएंगे. बीते मानसून सत्र में उत्तराखंड के सांसदों से भी यही उम्मीद थी लेकिन किसी भी सांसद द्वारा उठाया गया कोई मुद्दा राष्ट्रीय पटल पर चर्चा का विषय नहीं रहा.
पर इस सत्र में उत्तराखंड के सांसदों से ज्यादा महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के सांसद उत्तराखंड से जुड़े मुद्दों पर बोले. छत्तीसगढ़ से राज्यसभा सांसद रंजीता रंजन ने संसद के माध्यम से केन्द्रीय मंत्री का ध्यान उत्तराखंड में चल रही चारधाम सड़क परियोजना की ओर खींचा. यह योजना अपने अपने अंतिम चरण पर हैं. उन्होंने हिमालयी क्षेत्र में हो रहे अनियंत्रित विकास की बात संसद में उठाई और योजना से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण सवाल उठाये.
केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने रंजीता रंजीत को दिये गये जवाब में बताया कि सड़क चौड़ी करने से जुड़ी यह परियोजना राष्ट्रीय सुरक्षा का विषय है. सड़क को चीन से लगे सीमा क्षेत्र तक तक ले जाना है. यह योजना अब अपने अंतिम पड़ाव पर है और आखिरी 150 किमी का काम होना बचा है.
(Parliamentary Questions Related to Uttarakhand)
महाराष्ट्र से राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने प्रश्नकाल में उत्तराखंड के जोशीमठ पर सवाल करते हुए लगातार दरकते जोशीमठ पर सरकार द्वारा उठाये जा रहे कदम पर प्रश्न किया. इमरान प्रतापगढ़ी के प्रश्न का उत्तर केन्द्रीय मंत्री द्वारा दिया गया.
दोनों ही सांसदों के सवाल राष्ट्रीय पटल पर आये और हिमालयी क्षेत्र में हो रहे अनियंत्रित विकास पर लोग बात करने लगे.
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–काफल ट्री डेस्क
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