मैती शब्द का शाब्दिक अर्थ यूं तो मायके वाला होता है पर इस शब्द का एक विशिष्ट अर्थ अत्यंत प्रिय या दिल के क़रीब रहने वाला भी होता है. इस बार गणतंत्र दिवस पर पद्मश्री से सम्मानित कल्याण सिंह रावत भी उपनाम मैती लिखते हैं और मैती के नाम से खूब लोकप्रिय भ... Read more
स्वकीया प्रेम की सुखान्त चैती गाथा है जसी गढ़वाल में चैत के महीने में गाए जाने वाले चैती गाथा गीतों में जसी की गाथा भी प्रमुख है. जसी और फ्यूंली की गाथाओं में कुछ समानताएं भी हैं और कुछ अन्तर भी. समानता ये कि दोनों सास के निष्ठुर-ईष्र्यापूर्ण व्यवहार... Read more
गढ़वाल में चैत के महीने में गाए जाने वाले लोकगीत चैती कहलाते हैं. अधिकतर लोकगीतों का वर्ण्य विषय लोकगाथाएँ होती हैं. इन लोकगाथाओं में दो तत्व अनिवार्य रूप से होते हैं, पहला ससुराल में कष्टपूर्ण जीवन बिताती विवाहित महिलाओं की मायके जाने की ललक और दूसर... Read more
बसंत पंचमी से प्रारम्भ बसंत मैदानी क्षेत्र में होली के साथ विदा ले लेता है पर पहाड़ में ये बैसाखी तक अपने पूरे ठाठ में देखा जा सकता है. मैदानी बसंत के प्रतीक-पुष्प टेसू, ढाक, कचनार, सरसों पहाड़ में भी खूब होते हैं पर यहां बसंत-उपमान बन कर लोकगीतों मे... Read more
घुघूती का महत्व देश के अन्य भागों में कितना है कह नहीं सकता किन्तु गढ़वाल-कुमाऊँ में घुघुती की छाप सबके मन में है. चैत-बैसाख की बात हो और घुघुती की बात न हो, ऐसा नहीं हो सकता. लोक संस्कृति या लोक गीतों की बात हो और घुघुती न हो, ऐसा भी नहीं हो सकता. घ... Read more
फेसबुक से जुड़ा एक युवा मित्र बीते दिसम्बर में मैसेज कर देहरादून में अपने परीक्षा केंद्र की लोकेशन और पहुँचने का तरीका व ठहरने की जगह के बारे में पूछता है और मैं लापरवाही से उत्तर देता हूँ कि यू मे स्टे एट हॉटेल्स/धर्मशालाज़ नियरबाइ प्रिंस चौक. फ्रॉम... Read more
लो, अपनी पृथ्वी ने एक और चक्कर पूरा कर लिया है. वैसे ये चक्कर साल के किसी भी दिन पूरा हो सकता है. पर गिनने की आदत पहली जनवरी से हो गयी है तो लगता है कि पिछली रात के ठीक 12 बजे ही ये चक्कर पूरा हुआ है. पृथ्वी के चक्करों के बारे में […] Read more
वैचारिक रूप से प्रखर, वीर चंद्रसिंह गढ़वाली की ख्याति 23 अप्रैल 1930 के पेशावर विद्रोह के कारण अधिक है पर इससे पूर्व उन्होंने प्रथम विश्वयुद्ध में फ्रांस व मेसोपोटामिया में भी भाग लिया था. देशभक्ति समझ चंद्रसिंह गढ़वाली ने प्रथम विश्वयुद्ध में भाग तो... Read more
प्रवास अर्थात अपने मुल्क से दूर गैर मुल्क में बस जाना. ये गैर मुल्क अपने देश में भी हो सकता है और विदेश में भी. वर्ल्ड बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में 3 प्रतिशत लोग विदेश में प्रवास करते हैं. प्रवास का प्रमुख कारण रोजी-रोटी ही है. एक और कारण... Read more