आज न जाने कैसे अचानक ‘चूरे’ की याद आ गई- जैसे वर्षों बाद कोई बाल सखा सामने आ जाए. सचमुच यार चूरे तू भी क्या चीज था. अब न तू है, न अपना वो बचपन. पर तेरी यादें हैं, रहेंगी. मेरे हम उम्र वो सभी लोग जिनका बचपन अल्मोड़ा में गुजरा हो, एक चीज से […] Read more