उत्तराखण्ड के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में ग्लोबल वार्मिंग का असर साफ तौर पर देखा जा सकता है. भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआइआइ) के ताजा अध्ययन में इस बात का खुलासा किया गया है कि 3500 से 4500 मीटर की ऊंचाई पर तापमान में 0.5 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोत्... Read more