रोज़ यदि हम एक ही जगह पर जाते भी हैं तो कई नये सुराख गुप्त रास्तों के रूप में मिल जाते हैं हमें उसी पुरानी जगह तक पहुंचने के लिए. मुक़ाम ज़रूरी है किसी भी सफ़र के लिए और यदि दरख़्त, नदी, आकाश, बादल, बर्फ़, मैदान, बुग्याल, कोहरा, वनस्पति कुछ भी पड़ाव... Read more