कहो देबी, कथा कहो – 46 पिछली कड़ी – कुमारस्वामी और काम के वे दिन वह दिन था 2 जून 2003, जब मैंने दिल्ली अंचल में नौकरी की नई पारी शुरू की. बैठने के लिए तीसरी मंजिल पर एक अलग केबिन मिल गया. पहले दिन सुबह-सबेरे जल्दी आकर, केबिन के एकांत में बैठ कर मैं [... Read more