करोड़ों वर्षों पूर्व से जब मानव ने जब आग जलाना और उस पर काबू करना नही सीखा था, तब से ही वनों में आग प्राकृतिक रूप से लगती रही है. प्राकृतिक कारणों में शुष्क परिस्थितियों में घर्षण के कारण चिंगारी पैदा होने या बादलों से बिजली का गिरना प्रमुख रहा है. म... Read more
हर शहर की अपनी एक सुबह होती है उसकी कुछ ख़ास आदतें होती हैं जो उसे ओरों से जुदा बनाती है. छोटी और सामान्य सी लगने वाली इन आदतों से उस शहर के हर बासिंदे को बेइन्तहा मोहब्बत होती है. मनु डफाली द्वारा पिथौरागढ़ की एक अलसाई सुबह का रेखाचित्र पढ़िये : (Sketc... Read more
हरेला सोसायटी नाम से काफल ट्री के पाठक परिचित हैं. पिछले पांच छः सालों में पिथौरागढ़ जिले को पर्यावरण के प्रति जागरुक करने वाली हरेला सोसायटी तीन-एक वर्षों से जिले में होली के दौरान नेच्यूरल कलर भी बनाती है. (Fagun Organic Holi Colors) हरेला द्व... Read more
अभी हाल ही में, मैंने अपने से कुछ 12 से 13 साल छोटे एक शख्स से किसी बात पर पूछा – क्या तुमने लकी अली को सुना है? तो उत्तर आया – कौन लकी अली? (Lucky Ali) उस समय तो नहीं लेकिन कुछ समय बाद, आज के दौर का रिफरेन्स लेते हुए जरुर लगा – […] Read more
कुछ दस बजे का समय रहा होगा, कुछ चल्लों की फोटो खींचते-खींचते मै एक प्राथमिक स्कूल के पास से गुजर रहा था. अध्यापिका और बच्चे नवम्बर की धूप सेकते हुए उस दिन की पढाई कर रहे थे. कुछ बच्चे आपस की मस्ती में व्यस्त थे, कुछ बेमन से पेंसिल से अपनी कापियों को... Read more
मनु डफाली के नाम से काफल ट्री के पाठक परिचित हैं. आज मनु ने एक बेटे का अपने पिता के नाम ख़त भेजा है. पहाड़ से लाखों की संख्या में युवा मैदानी इलाकों में नौकरी के लिये जाते हैं जहां उनका मन मिनट भर के लिये नहीं लगता है. हमेशा वापिस लौटने की चाह में [... Read more
घर में सब ठीक ही है, कोई सगा मरा भी नहीं है और ऐसा कहीं कोई धन-सम्पदा सम्बन्धी भारी नुकसान भी नहीं हुआ है. पर फिर भी इस बार ये दिवाली मेरी नहीं है. दिवाली परायी हो चुकी है, ये हो चुकी है, NRP’यों की! (Non Residential Pithoragarian in Pith... Read more
किसी शहर के भविष्य का आधार उसका युवा होता है. एक ऐसे समय जब पूरे विश्व भर में युवाओं को पर्यावरण संरक्षण के नाम पर भाषण पिलाया जा रहा है उस समय पिथौरागढ़ में युवाओं का एक समूह ‘हरेला’ पर्यावरण के लिये ठोस जमीनी काम कर रहा है. पिथौरागढ़ के ल... Read more
आज के समय में जितना यह सुनने में अजीब है उससे कई ज्यादा इन तस्वीरों को देखने में सुकून है जिनमें छोटे-छोटे स्कूल पढ़ने वाले बच्चे पेड़ों से लिपटे हुए नजर आते हैं. पिथौरागढ़ के बच्चे पेड़ों को गले लगा रहे हैं. पिछले कुछ सालों से हरेला सोसायटी के लोग पिथौर... Read more
उत्तराखंड की विशिष्ट संस्कृति और ऐतिहासिक समृद्ध विरासत पर हमें आए दिन नेता और अफसरों के भाषण सुनने को मिलते हैं. इस विषय पर कई किताबें छप चुकी हैं और सेमिनार-गोष्ठियां भी समय समय पर होती रहती हैं. लेकिन अब, उत्तराखंड सरकार ने पिथौरागढ़ में संस्कृति ब... Read more