पहाड़ में आण-काथ-लोक गाथाओं का अक्षय भंडार हुआ जिनके असंख्य किस्से आमा-बुबू के मुँह से नानतिनों तक पहुँच सुनहरी यादों को रचा-बसा देने वाले हुए. उस पर शारीरिक चेष्टाओं के द्वारा प्रकट भाव के विशिष्ट नृत्य जिनकी स्मृति से बदन में कम्प लहराने लगे, तभी इ... Read more