लाग हरैला, लाग बग्वालीजी रया, जागि रयाअगास बराबर उच्च, धरती बराबर चौड है जयास्यावक जैसी बुद्धि, स्योंक जस प्राण है जोहिमाल म ह्युं छन तक, गंगज्यू म पाणि छन तकयो दिन, यो मास भेटने रया (Harela Traditional Festival Uttarakhand) आज के दिन पहाड़ियों के घर... Read more