पहाड़ की कराह निकली… वह बोला मैं टूट रहा हूँ, बचा लो मुझे! मैं धंस रहा हूँ, देखो संभालो मुझे! उसके तन-मन से जुड़े नदी, चट्टानों, पेड़-पौधों, पशु-पक्षियों, कीट-पतंगों में उथल-पुथल मची हुई है. लेकिन इस आवाज़ को सुनने वाला कोई नहीं, इस पहाड़ के आ... Read more