काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree
जेम्स कैनेडी 1839 से 1877 के बीच भारत में रहे. उनकी किताब लाइफ़ एंड वर्क बनारस एंड कुमाऊं दो भागों में है. एक हिस्से में वह बनारस और दूसरे हिस्से में कुमाऊं से जुड़ी जानकारी है.
(Old Photos of Ranikhet & Almora)
कैनेडी एक स्कॉटिश मिशनरी थे जिन्होंने भारत में लगभग चार दशक बिताए. जेम्स कैनेडी की किताब ‘लाइफ़ एंड वर्क बनारस एंड कुमाऊं’ अपने समय के दौरान जिन लोगों से जेम्स कैनेडी का सामना हुआ, उनकी संस्कृति, रीति-रिवाजों और दैनिक जीवन का विस्तृत विवरण प्रदान करती है.
अपनी किताब में जेम्स कैनेडी एक मिशनरी के रूप में अपने काम के बारे में भी विस्तार से लिखते हैं. अपनी किताब में कैनेडी ने कुछ कुमाऊं के कुछ चित्र भी उपलब्ध कराये हैं. इस किताब में रानीखेत के एक चर्च की तस्वीर है. इसके अलावा एक चित्र अल्मोड़ा स्थित रैमजे कॉलेज का भी है. इनके अतिरिक्त किताब में एक चित्र केदारनाथ का भी है.
(Old Photos of Ranikhet & Almora)
जेम्स कैनेडी ने अपनी किताब में अल्मोड़ा स्थित कुष्ठ रोग आश्रय भी शामिल है. रानीखेत के चर्च अतिरिक्त किताब में रानीखेत से हिमालय की चोटियों का भी एक दृश्य है. यहां देखिये जेम्स कैनेडी की किताब ‘लाइफ़ एंड वर्क बनारस एंड कुमाऊं’ से कुछ चित्र :
(Old Photos of Ranikhet & Almora)
काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें