नैनीताल की लोअर माल रोड का एक बड़ा हिस्सा झील में जा गिरा. तेज़ बारिश और झील के पानी से हो रहे कटान के चलते यह सिलसिला रुक नहीं रहा. PWD का कहना है कि इस सड़क में यातायात खुलने में 1-2 महीने लगेंगे. साथ ही यह कि ये पूरी पहाड़ी अस्थिर है और इसे सम्हालने के लिए एक मेजर अभियान चलाना होगा. IIT रुड़की के वैज्ञानिकों की सलाह पर इसके लिए 41 करोड़ का एस्टीमेट बनाया गया है.
काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें
दिन गुजरा रातें बीतीं और दीर्घ समय अंतराल के बाद कागज काला कर मन को…
हरे-घने हिमालयी जंगलों में, कई लोगों की नजरों से दूर, एक छोटी लेकिन वृक्ष की…
उत्तराखण्ड में जमीनों के अंधाधुंध खरीद फरोख्त पर लगाम लगाने और यहॉ के मूल निवासियों…
देवेन्द्र मेवाड़ी साहित्य की दुनिया में मेरा पहला प्यार था. दुर्भाग्य से हममें से कोई…
किताब की पैकिंग खुली तो आकर्षक सा मुखपन्ना था, नीले से पहाड़ पर सफेदी के…
गढ़वाल का प्रवेश द्वार और वर्तमान कोटद्वार-भाबर क्षेत्र 1900 के आसपास खाम स्टेट में आता…