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दिल्ली हाट में इन दिनों सजा है आदि बाज़ार. दिल्ली हाट के बारे में कहा जाता है कि यहाँ एक छत के नीचे आप सम्पूर्ण भारत की लोककला को देख सकते हैं. 15 दिसम्बर तक चलने वाले इस मेले में उत्तराखण्ड की शिल्प कला और जैविक पहाड़ी अनाजों की सौगात लेकर पहुँचा है ‘मुनस्यारी हाउस.’ (Munsyari House Dilli Haat)
मुनस्यारी हाउस की पोटली में है— मुनस्यारी की राजमा, मुनस्यारी का थुलमा, वहाँ का दन कालीन. च्यूरा तेल, रिंगाल काष्ठ कला, कला भट, झंगोरा, बुरांश शर्बत, लाल चावल, हिमालयी कला जीरा, तेजपत्ता हर्बल टी, याक मिल्क प्रोडक्ट, ऐपण कला,
बिच्छू घास के रेशों से बने उत्पाद, जम्बू, गंद्रायाणी, तिमूर जैसे हिमालयी मसाले वगैरा और भी बहुत कुछ.
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जैसा कि आप जानते ही हैं हाल ही में उत्तराखंड के 18 उत्पादों को जीआई प्रमाण पत्र मिले हैं. इन 18 उत्पादों को मिलाकर अब तक उत्तराखंड राज्य के कुल 27 उत्पादों को जीआई प्रमाण पत्र मिल चुका है. ये सभी उत्पाद आपको इस समय दिल्ली हाट के स्टाल नम्बर- 21 में मिल सकते हैं. अपनी सुविधा के लिए आप ‘मुनस्यारी हाउस’ से इस नंबरों पर संपर्क भी कर सकते हैं- +91-8394811110/+91-9557777264 (Munsyari House Dilli Haat)
मुनस्यारी हाउस के बारे में और ज्यादा जानने के लिए पढ़ें : ‘मुनस्यारी हाउस’ इस तरह पहाड़ी उत्पादों का सबसे विश्वसनीय ब्रांड बना
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