आज शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी केबिनेट के साथ शपथ लेंगे. लोकसभा चुनाव के परिणाम सामने आने के बाद से ही यह बात चलने लगी थी कि मोदी कैबिनेट में उत्तराखंड का कौन सा सांसद चुना जायेगा. इस क्रम में सबसे पहले अनिल बलूनी और अजय भट्ट का नाम सामने आ रहा था.
(Modi Cabinet 2024 Uttarakhand)
अनिल बलूनी को पहली पसंद बताते हुए कहा जाने लगा कि इस बार पार्टी अनिल बलूनी को कैबिनेट में स्थान देगी. अनिल बलूनी की दिल्ली से अच्छे संबंध इस बात को और अधिक पुख्ता करने लगे थे कि इस बार बलूनी मोदी सरकार की कैबिनेट का हिस्सा बन जायेंगे. यह तर्क भी दिया जा रहा था कि उत्तराखंड में कुमाऊनी मुख्यमंत्री के साथ गढ़वाल के सासंद को कैबिनेट सीट राज्य में पार्टी बैलेंस का काम करेगी.
बलूनी को चुनौती देने वाला एक बड़ा नाम अजय भट्ट का आ रहा था. अजय भट्ट इससे पहले भी मोदी सरकार की कैबिनेट का हिस्सा रह चुके थे. अजय भट्ट के पक्ष में दिया जाने वाला एक तर्क था उनकी बड़े मतों से हुई जीत. अजय भट्ट इस बार राज्य से चुने गये सभी लोकसभा सांसदों में सबसे अधिक मतों से जीतने वाले सांसद हैं. इसके अतिरिक्त अजय भट्ट का ब्राह्मण होना भी उनकी दावेदारी को मजबूत करने वाला तर्क बना. कहा जाने लगा कि राजपूत मुख्यमंत्री के साथ भाजपा एक ब्राह्मण को कैबिनेट को स्थान देकर राज्य में जातिगत बैलेंस बनायेगी.
उत्तराखंड में ब्राह्मण ठाकुर की राजनीति से कोई अपरिचित नहीं हैं. पूर्व-मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का नाम इस रेस बाहर होने के पीछे एक महत्त्वपूर्ण कारण उनका राजपूत होना ही बताया गया. इस सबके बीच आखिरी कुछ घंटों में अजय टम्टा का नाम अचानक इस रेस में सबसे आगे हो गया. अजय टम्टा का नाम शामिल होना कोई अचानक किया गया फैसला नहीं है. यह भी जातिगत समीकरण को साधने के लिए लिया गया एक फैसला है.
भारतीय जनता पार्टी के उत्तराखंड राज्य में अध्यक्ष महेंद्र भट्ट हैं. महेंद्र भट्ट को पार्टी प्रदेश अध्यक्ष और पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बनाकर भाजपा ने ब्राह्मण-राजपूत का समीकरण साध रखा है. कल्पना सैनी को राज्यसभा का टिकट देकर भाजपा ने ओबीसी को भी एक प्रकार से प्रतिनिधित्व दिया.
(Modi Cabinet 2024 Uttarakhand)
अजय टम्टा का मोदी कैबिनेट में शामिल होना न केवल राज्य का जातिगत गणित साधता है बल्कि मोदी केबिनेट के लिए भी फ़ायदेमंद दीखता है. माना जा रहा है कि पौढ़ी या हरिद्वार के सांसदों को कैबिनेट में जगह देकर भाजपा का केन्द्रीय नेतृत्व राज्य में किसी तरह के नए पावर सेंटर को जन्म नहीं देना चाहता.
रविवार को प्रधामंत्री आवास पर हुई चाय की बैठक में सांसद अजय टम्टा के शामिल होने के बाद यह तय माना जा रहा है कि अजय टम्टा एकबार फिर से मोदी काबिनेक अहिस्सा होने जा रहे हैं. 52 साल के अजय टम्टा विधानसभा चुनाव का सफर 2002 से शुरू हुआ इससे पहले वह जिला पंचायत अध्यक्ष अल्मोड़ा रह चुके थे. अजय टम्टा 2014 से अब तक लगातार तीन भार अल्मोड़ा लोकसभा सीट से चुनाव जीत चुके हैं.
(Modi Cabinet 2024 Uttarakhand)
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