मिशन ‘हौसला’ एक उम्मीद है उत्तराखंड के लिए. इसे वो लोग अंजाम दे रहे हैं जिनके लिए आपके मन में हज़ार शंकाएं हैं. उसे रखिए. शंकाएं और सवाल ही अंततः संस्थाओं के सबसे काबिल दोस्त साबित होते हैं. लेकिन फिलवक्त इनपर भरोसा करिए.
(Mission Hausla Uttarakhand Police)
भरोसा इसलिए क्योंकि हमने–आपने अपनी खत्म हो चुकी सामूहिक जिम्मेदारियों, निष्प्राण नागरिक अधिकारों और गर्क हो चुकी सिविक सेंस से खुद ऐसे हालात पैदा होने दिए हैं जिनपर हमारा न्यूनतम अधिकार भी नहीं रहा.
अब हम सब कुल मिलाकर आपदा और अपराधों के उस दरिया में मझधार हैं कि अपना खेवनहार चुन सकें ऐसा न तो विवेक रह गया है, न हिम्मत, न ही हौसला.
इसलिए इस मिशन पर भरोसा और एक न्यूनतम सी ही सही, उमीद भी रखिए.
(Mission Hausla Uttarakhand Police)
कोरोना के ख़िलाफ़ लड़ाई में उत्तराखंड पुलिस मिशन हौसला के तहत लोगों को दवाइयां, ऑक्सीजन, प्लाज्मा, राशन सहित हर ज़रूरी सेवा उपलब्ध करा रही है. इस मिशन के तहत प्रदेश सभी जनपदों में कोविड कन्ट्रोल रूम स्थापित किया गया है. उनके नोडल अधिकारियों के नंबर पर सम्पर्क कर किसी भी सहायता के लिए कह सकते हैं. आप निराश नहीं होंगे, अपने सीमित संसाधनों और असीमित प्रयासों से टीम आपको हर संभव मदद करेगी.
यकीन जानिए, इस लिस्ट में और इनसे इतर इस टीम में शामिल में सैकड़ों लोग हैं जो इस घने अंधकार में हौसले की किसी भी लौ को बुझने से बचाने में अपनी जान लड़ा देंगे.
(Mission Hausla Uttarakhand Police)
यह पोस्ट अमित श्रीवास्तव की फेसबुक वाल से ली गयी है. उत्तराखंड में अधिक से अधिक लोगों की मदद हो सके इसके लिये पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक शेयर करें- सम्पादक काफल ट्री
उत्तराखण्ड के पुलिस महकमे में काम करने वाले वाले अमित श्रीवास्तव फिलहाल हल्द्वानी में पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात हैं. 6 जुलाई 1978 को जौनपुर में जन्मे अमित के गद्य की शैली की रवानगी बेहद आधुनिक और प्रयोगधर्मी है. उनकी तीन किताबें प्रकाशित हैं – बाहर मैं … मैं अन्दर (कविता) और पहला दखल (संस्मरण) और गहन है यह अन्धकारा (उपन्यास).
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