शौर्य चक्र से सम्मानित भारतीय सेना में सिविल इंजीनियर रहे पंचवटी कुटीर, नैनीताल निवासी शहीद मनोहर दत्त बवाड़ी को सिक्किम में बड़ा सम्मान मिला है. शहीद मनोहर दत्त बवाड़ी के नाम पर एक पुल का नाम बवाड़ी ब्रिज रखा गया है. भारतीय सेना द्वारा इस आशय का पत्र शहीद के परिजनों को भेजा गया है. शहीद के भाई किशन बवाड़ी के हवाले से जानकारी मिली है कि ग्रीफ के सेकेंड इन कमांड कैप्टन मोहम्मद आसिम शमीम की ओर से शहीद मनोहर की पुत्री रक्षिता को प्रेषित पत्र में सूचना दी गयी है कि भारतीय सेना ने उनके पिता मनोहर दत्त बवाड़ी के नाम से सिक्किम में एक पुल का नाम बवाड़ी ब्रिज रखा जाना तय किया है. सिक्किम के इस बैली ब्रिज को बवाड़ी ब्रिज नाम दिया गया है. (Manohar Datt Bawadi )
मनोहर दत्त बवाड़ी ग्रीफ में सिविल इंजीनियर के पद पर तैनाती के दौरान 15 अप्रैल 1994 को शहीद हुए थे. उन्हें मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था.
सिक्किम में बवाड़ी ब्रिज उत्तरी सिक्किम के मुंशिथांग क्षेत्र में है. शहीद बवाड़ी के एक भाई अंबादत्त बवाड़ी उक्रांद नेता हैं. बवाड़ी परिवार मूल रूप से अल्मोड़ा जिले के सल्ट के समीप स्थित बवाड़ी किचार गांव से है. मथुरा दत्त परिवार में चार भाइयों में सबसे बड़े थे. उनके दो पुत्र और दो पुत्रियां हैं. परिजनों के मुताबिक शहीद की पत्नी मोहिनी बवाड़ी का भी पूर्व में निधन हो चुका है और पुत्री रक्षिता वर्तमान में महाराष्ट्र में शिक्षारत है. (Manohar Datt Bawadi )
बवाड़ी परिवार अल्मोड़ा जिले के सल्ट के पास बवाड़ी किचार गांव का मूल निवासी है. मनोहर दत्त परिवार में चार भाइयों में सबसे बड़े थे, उनके दो पुत्र और दो पुत्रियां हैं. पुत्री रक्षिता वर्तमान में महाराष्ट्र में शिक्षारत है. खलंगा युद्ध और गोरखा शौर्य
उत्तराखण्ड के शौर्यचक्र विजेता बवाड़ी के नाम पर सिक्किम में पुल का नाम बवाड़ी ब्रिज रखे जाने पर प्रदेश के नागरिकों ने खुशी जाहिर की है.
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