समाज

लच्छू कोठारी के बेवकूफ बेटों का सबसे लोकप्रिय किस्सा

पहाड़ों में लच्छू कोठारी की बेवकूफ संतानों के किस्से खूब कहे जाते हैं. उनकी बेवकूफी के किस्से इस कदर लोकप्रिय हैं कि पहाड़ में आज भी जब कोई हद दर्जे की बेवकूफी करे तो सीधा कहा जाता है- कि करने छ ला, लछुवा कोठारिक संताने की न्हयाते (क्या कर रहा है लछुवा कोठारी की संतानों जैसा).     
(Lachchhu Kothari and his Son)

लच्छू कोठारी के लड़कों से जुड़ा सबसे लोकप्रिय किस्सा है ‘एक भाई मर गया’. कहते हैं एक बार सातों भाई रामगंगा नदी के किनारे नहाने के लिये गये. दोपहर के समय तक सातों भाईयों ने रामगंगा के तट पर खूब मौज काटी. फिर जब भूख लगी तो अपने-अपने कपड़े पहनकर घर की ओर चल दिये.

अभी नदी से थोड़ा ही दूर पहुचे थे कि सबसे छोटा भाई दहाड़ें मारकर रोने लग गया. अचानक उसे रोता देख भाइयों को बड़ा आश्चर्य हुआ. बड़े भाई ने उससे रोने का कारण पूछा तो उसने बताया कि हमारा एक भाई रामगंगा में ही डूब गया. बड़े भाई ने जल्दी से सबकी गिनती करी तो उसकी गिनती में भी छः भाई निकले. इसके बाद हर भाई गिनती करता और अपने आप को छोड़ देता सो हर बार की गिनती में छः ही भाई निकलते. लच्छू कोठारी के लड़के अब पूरी तरह आश्वत थे कि उनका एक भाई नदी में डूब गया है सो सारे भाई साथ में दहाड़ें मारकर रोने लगे.
(Lachchhu Kothari and his Son)

सातों भाई दुबारा रामगंगा के किनारे चले गये. बहुत ढूंढने पर भी भाई का कोई नामोनिशान नहीं मिला अब उन्हें लगा उनका एक भाई मर गया. सातों भाई एक पंडित के पास अपने मरे भाई के क्रिया-कर्म के लिये चल दिए. पण्डित पहले ही मिनट में लच्छू कोठारी के लड़कों की मूर्खता समझ गया.

पंडित ने कहा – “मैं तुम लोगों के भाई को जिन्दा कर लाऊंगा.” पंडित ने सातों भाईयों को एक लाईन में खड़ा किया और सबके पीछे ओम-हीम-क्लीम करते हुये लात मारने लगा. पंडित की हर लात पर लच्छू कोठारी के लड़के गिनती गिनते जाते. पंडित की सातवीं लात पर भाइयों में ख़ुशी की लहर छा गयी और उन्होंने उसे गले से लगा लिया.
(Lachchhu Kothari and his Son)

इसे भी पढ़ें: लच्छू कोठारी और उसके सात बेवकूफ बेटे

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें : Kafal Tree Online

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Kafal Tree

Recent Posts

नेत्रदान करने वाली चम्पावत की पहली महिला हरिप्रिया गहतोड़ी और उनका प्रेरणादायी परिवार

लम्बी बीमारी के बाद हरिप्रिया गहतोड़ी का 75 वर्ष की आयु में निधन हो गया.…

1 week ago

भैलो रे भैलो काखड़ी को रैलू उज्यालू आलो अंधेरो भगलू

इगास पर्व पर उपरोक्त गढ़वाली लोकगीत गाते हुए, भैलों खेलते, गोल-घेरे में घूमते हुए स्त्री और …

1 week ago

ये मुर्दानी तस्वीर बदलनी चाहिए

तस्वीरें बोलती हैं... तस्वीरें कुछ छिपाती नहीं, वे जैसी होती हैं वैसी ही दिखती हैं.…

2 weeks ago

सर्दियों की दस्तक

उत्तराखंड, जिसे अक्सर "देवभूमि" के नाम से जाना जाता है, अपने पहाड़ी परिदृश्यों, घने जंगलों,…

2 weeks ago

शेरवुड कॉलेज नैनीताल

शेरवुड कॉलेज, भारत में अंग्रेजों द्वारा स्थापित किए गए पहले आवासीय विद्यालयों में से एक…

3 weeks ago

दीप पर्व में रंगोली

कभी गौर से देखना, दीप पर्व के ज्योत्सनालोक में सबसे सुंदर तस्वीर रंगोली बनाती हुई एक…

3 weeks ago