उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर क्लीन स्वीप लगा चुकी है. राज्य की पांचों लोकसभा सीटें भारतीय जनता पार्टी के खाते में गयी हैं. पांच में तीन सीटें ऐसी हैं जिसमें भाजपा उम्मीदवारों ने जीत की हैट्रिक लगाई है. आइये जानते है 2024 लोकसभा चुनाव में उत्तराखंड से चुने गये सांसदों को :
(Know Your MP Uttarakhand 2024)
1979 में राजनीतिक सफर शुरू करने वाले त्रिवेंद्र सिंह रावत इसी वर्ष राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े. संघ के प्रचारक के रूप में काम करने के बाद 1985 में त्रिवेंद्र सिंह रावत देहरादून महानगर के प्रचारक बने. 1993 में त्रिवेंद्र सिंह रावत भाजपा के क्षेत्रीय संगठन मंत्री बने. 1997 में त्रिवेंद्र सिंह रावत भाजपा प्रदेश संगठन महामंत्री बने और 2002 में वे दोबारा भाजपा प्रदेश संगठन महामंत्री बने.
त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 2002 में डोईवाला विधानसभा से जीत हासिल की. 2007 में वह फिर डोईवाला विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से उत्तराखंड विधान सभा के लिए चुने गए और मंत्रिमंडल का हिस्सा बने. 2017 में त्रिवेंद्र सिंह रावत फिर डोईवाला विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से चुने गये इ बार उन्हें उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद की कमान सौंपी गई. 2021 में त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया.
इसके तीन साल बाद केन्द्रीय भाजपा नेतृत्व ने उनपर विश्वास जताया और हरिद्वार लोकसभा का टिकट दिया. केन्द्र की उम्मीदों पर खरे उतरते हुए उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी और कांग्रेस उम्मीदवार वीरेंद्र रावत को एक लाख चौसठ हजार वोटों से करारी शिकस्त दी.
एक दशक से ज्यादा समय से भाजपा के राष्ट्रीय संगठन में अहम पदों पर रहे हैं अनिल बलूनी अब पौढ़ी गढ़वाल सीट से सांसद हैं. इससे पूर्व वह राज्यसभा में थे. राज्यसभा सांसद के रूप में बलूनी का कार्यकाल दो अप्रैल को खत्म हुआ. 1970 में जन्मे बलूनी का गांव पौड़ी गढ़वाल के नकोट गांव में है.
इस लोकसभा चुनाव में अनिल बलूनी ने अपने निकटम प्रतिद्वंद्वी और कांग्रेस के उम्मीदवार गणेश गोदियाल को एक लाख तिरेसठ हजार मतों के अंतर से हराया. कयास लगाये जा रहे हैं कि 2024 में गठित होने वाले केन्द्रीय मंत्री मंडल में अनिल बलूनी को महत्वपूर्ण पद मिल सकता है.
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टिहरी गढ़वाल उत्तराखंड राज्य की वह सीट है जिसे राज्य की पहली महिला लोकसभा सदस्य चुनी गयी. पहली बार टिहरी सीट पर भारतीय जनता पार्टी का खाता मानवेन्द्र शाह ने 1991 में खोला. मानवेन्द्र शाह इससे पहले इस सीट पर तीन बार सांसद रह चुके थे लेकिन कांग्रेस के टिकट पर. 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने साही परिवार की बहु राज्य लक्ष्मी शाह को टिकट दिया. दोनों ही बार भाजपा का राजशाही दाव सही बैठा.
2024 के चुनाव से पूर्व तमाम अटकलों के बावजूद टिहरी की सीट से राजशाही का तिलिस्म न टूटा और भाजपा ने एक बार फिर राजशाही दाव खेला. भाजपा का यह दाव एकबार फिर सही साबित हुआ. टिहरी की जनता ने एकबार फिर साही परिवार की बहु राज्य लक्ष्मी शाह को अपना जनप्रतिनिधि चुना.
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अल्मोड़ा में जन्मे अजय टम्टा की पढ़ाई मुख्यतः अल्मोड़ा में ही हुई. अजय टम्टा छात्र जीवन में ही एबीवीपी से जुड़ गए थे. राजनीति में सक्रिय होने का असर पढ़ाई पर पड़ा और अजय टम्टा ग्रेजुएशन पूरी नहीं कर पाए. 1996 में अजय टम्टा, अल्मोड़ा (तब अल्मोड़ा-बागेश्वर एक ही ज़िला थे) से ज़िला पंचायत सदस्य निर्वाचित हुए और अगले ही साल 1997 में अल्मोड़ा (सामान्य) के ज़िला पंचायत अध्यक्ष बन गए. उस समय अजय टम्टा देश में सबसे कम उम्र के ज़िला पंचायत अध्यक्ष बने थे.
2007 विधानसभा चुनाव में अजय टम्टा सोमेश्वर विधानसभा सीट से जीतकर पहली बार विधायक बने. खंडूड़ी सरकार में अजय टम्टा को राज्यमंत्री का प्रभार सौंपा गया. 2008 में वह राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री बन गए. साल 2010 में भाजपा ने उन्हें पार्टी के अनुसूचित जाति, जनजाति मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया और 2011 में अजय टम्टा भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य बने.
2014 के आम चुनाव में अजय टम्टा ने प्रदीप टम्टा को लोकसभा चुनाव हराया. नरेंद्र मोदी सरकार में उन्हें मंत्री पद भी दिया गया. 2016 में अजय टम्टा को केंद्रीय वस्त्र राज्यमंत्री की ज़िम्मेदारी सौंपी गई. 2019 में एक बार फिर भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व ने अजय टम्टा पर भरोसा दिखाया जिस पर वह खरे उतरे. तमाम अटकलों के बाद 2024 के लोकसभा चुनावों में भी केन्द्रीय भाजपा नेतृत्व ने अजय टम्टा पर भरोसा जताया जिसपर खरे उतरते हुए उन्होंने बड़े वोटो के अंतर से एकबार फिर कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप टम्टा को शिकस्त दी.
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भाजपा के वरिष्ठ नेता अजय भट्ट ने नैनीताल उधमसिंह नगर सीट पर जीत दर्ज की. मोदी सरकार में रक्षा राज्य मंत्री रह चुके अजय भट्ट उत्तराखंड बीजेपी में भी कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं. मूल रूप से अल्मोड़ा जिले के रानीखेत क्षेत्र के रहने वाले अजय भट्ट ने अल्मोड़ा कॉलेज से बीए एलएलबी किया. यहीं से उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन के सफर को शुरू किया.
1985 में भारतीय जनता पार्टी की युवा इकाई में शामिल अजय भट्ट ने राजनीति की शुरुआत करते हुए युवाओं का प्रतिनिधित्व करना शुरू किया. कुछ समय बाद अजय भट्ट उत्तर प्रदेश इकाई की वर्किंग कमेटी के सदस्य भी बन गए. इसके बाद भाजपा में संगठन के तौर पर उन्होंने अल्मोड़ा जिले के संगठन मंत्री के रूप में भी काम किया.
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अजय भट्ट ने उत्तराखंड राज्य आंदोलन के दौरान में भी महत्वपूर्ण और सक्रिय भूमिका को अदा की. 1996 में अजय भट्ट ने विधानसभा का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. 2012 का विधानसभा चुनाव जीतकर अजय भट्ट विधानसभा पहुंचे इस दौरान सरकार कांग्रेस की बनी और अजय भट्ट नेता प्रतिपक्ष की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के लिए चुने गए.
2024 में अजय भट्ट ने हैट्रिक लगाते हुए लगातार तीसरी बार जीत दर्ज की. इस बार चुनाव में अजय भट्ट ने तीन लाख के वोटों के अंतर से जीत हासिल की.
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