कुछ महीने पहले देश और दुनिया में उत्तराखंड का एक इलाका एक बार फिर खबरों में रहा. पिछले दो एक दशकों में भारत का यह राज्य देश और दुनिया की खबरों में एक साथ तभी आया है जब घटना आपदा से जुड़ी हो. पिछली बार देश और दुनिया की खबरों में छा जाने की बारी जोशीमठ की थी. जोशीमठ की स्थिति इस कदर गंभीर थी कि सरकार को अपने दो बड़े महत्त्वाकांक्षी प्रोजेक्ट्स पर रोक लगानी पड़ी.
(Joshimath Present News)
जोशीमठ की भयावह स्थिति का मुख्य कारण बीआरओ और एनटीपीसी दोनों के प्रोजेक्ट बताये गये. जोशीमठ की स्थिति के अध्ययन हेतु देश की शीर्ष 8 संस्थाओं को जिम्मा मिला. अध्ययन की रिपोर्ट फ़िलहाल तो किसी भी पब्लिक डोमेन में उपलब्ध नहीं हैं. रिपोर्ट में जो भी आये पर जब पिछली बार जब देश और दुनिया का रिपोर्टिंग कैमरा जोशीमठ पर था तब स्थानीय लोगों ने चीख-चीख कर बताया था कि जोशीमठ के भू-धसाव का असल कारण बीआरओ और एनटीपीसी द्वारा अपने प्रोजेक्ट्स के लिये किया जा रहा ब्लास्टिंग का काम है.
अब खबर है कि सरकार ने बीआरओ और एनटीपीसी दोनों को अपने अपने प्रोजेक्ट्स को शुरु करने हेतु हरी झंडी दे दी है. जोशीमठ बचाओ संघर्ष समीति के संयोजक अतुल सती ने ट्विटर पर पहाड़ में हो रहे एक ब्लास्ट का वीडियो शेयर कर लिखा – जोशीमठ की जड़ में बाईपास के लिए फिर से विस्फोट शुरू…
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जोशीमठ की जड़ में बाईपास के लिए फिर से विस्फोट शुरू…
— atulsati joshimath (@atulsati1) June 8, 2023
अभी जोशीमठ आपदा के बाद देश की शीर्ष 8 संस्थाओं के अध्ययन की रिपोर्ट नहीं आई है । जिससे जोशीमठ की वस्तुस्थिति का पता चलता , भारी निर्माण का असर क्या होगा ये पता चलता,आने वाले समय में बारिश का क्या असर पहले से ही धंसे हुए नगर pic.twitter.com/GjMTgrPmHa
एक सवाल जोशीमठ की स्थिति कितनी गंभीर है? इसका जवाब पिछले ही दिन उत्तराखंड हाईकोर्ट की नैनीताल जिले से जुड़ी तल्ख टिप्पणी से समझा जा सकता है. उत्तराखंड हाईकोर्ट ने नैनीताल में सीजन के दौरान लग रहे ट्रैफिक जाम की समस्या से निजात दिलाने को स्वतः संज्ञान लेती जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर इस समस्या को जल्द नहीं सुलझाया गया तो नैनीताल के हालात भी जोशीमठ की तरह हो सकते है.
एक तरफ हाईकोर्ट की टिप्पणी में ‘जोशीमठ जैसे हालात?’ की बात कही जा रही है दूसरी ओर उसी जोशीमठ की जड़ों में विस्फोट. क्या सवाल नहीं पीछे जाने चाहिये की पिछले चार महीने में जोशीमठ में ऐसा क्या बदल गया है कि बीआरओ और एनटीपीसी दोनों को अपने अपने प्रोजेक्ट्स को शुरु करने हेतु हरी झंडी दे दी गयी है?
(Joshimath Present News)
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1 Comments
Kamal Kumar Lakhera
नेताओं, अधिकारियों, व्यवसायों और सरकारों को कागज़ कमाने हैं और कागज़ों पर अमर होने की गुदगुदाती इच्छा है, बाकी आमजन के लिए मुआवजा रूपी टुकड़े हैं ।