पिछले कुछ सालों से हमारे राज्य की सरकारें बहुत दयालु हो गयी हैं. समाज के सभी वर्गों के लिए उनके मन में ढेर सारा दया भाव पैदा हो चुका है. इस दया भाव के चक्कर में स्कूल के बच्चों और सरकारी नौकरों की उम्दा चांदी कट जाती है. Holiday or no Holiday Igas Uttarakhand
पिछले दिनों ठेठ पूरबिया पर्व छठ के मौके पर खूब सारे हैप्पी छठ मैसेज उत्तराखंड में भी व्हाट्सएप हुए और सरकार ने खुशी के मारे छुट्टी डिक्लेयर कर दी.
ऐसा ही करवाचौथ के दिन हुआ था. हालांकि मैं तो सोच रहा था कि हैलोवीन के दिन भी शायद सार्वजनिक अवकाश घोषित हो जाय पर दुर्भाग्यवश ऐसा हो न सका. शायद सरकार बहादुर को इल्म न था कि भराड़ी-खनस्यूं और थल-सतपुली जैसी जगहों पर भी बच्चे इसे मनाने लगे हैं.
कल को उत्तराखंड में इगास का पर्व मनाया जाने वाला है. बारा-बग्वाली के समापन-पर्व के रूप में मनाये जाने वाले इस त्यौहार का गढ़वाल और कुमाऊं के ग्रामीण समाज में बड़ा महत्व मना जाता रहा है. Holiday or no Holiday Igas Uttarakhand
कल छुट्टी होगी या नहीं? – इस विषय पर पिछले दो दिनों से उत्तराखंड के सभी कर्मचारियों के बीच अनेक महाधिवेशन संपन्न हो चुके हैं. दफ्तरों का काम-काज ठप्प पड़ा है. काम तो सभी करना चाहते हैं लेकिन जैसे ही कागज़-कलम उठाते हैं उनके मन में यही विचार घुमड़ आता है – कल छुट्टी होगी या नहीं?
जनता की अथक मेहनत काम आई और आज देर दोपहर सरकारी चिठ्ठी आ ही गयी. कल छुट्टी की घोषणा कर दी गयी. व्हाट्सएप पर बधाइयों के सिलसिले शुरू हो गए.
इसके आधे घंटे बाद अफवाह उड़नी शुरू हुई कि सरकारी चिठ्ठी फर्जी थी. अधिवेशन पुनः शुरू हो गए – कल छुट्टी होगी या नहीं?
अभी शाम को फिर एक आधिकारिक चिठ्ठी आई कि लोग नकली आधिकारिक चिठ्ठी लिख कर आधिकारिक व्यवस्था का मजाक बना रहे हैं और उन पर आधिकारिक एफ़ाइआर लिखाने की कार्रवाई शुरू हो गयी है.
कोई कह रहा है यह चिठ्ठी भी फर्जी है.
फिलहाल हो सकता है एक-आध घंटे में एक चिठ्ठी और आ जाए जिसमें इस एफ़ाइआर वाली चिठ्ठी को फर्जी बताकर तीन दिवसीय अवकाश घोषित करने का केंद्र सरकार का आदेश आ जाए.
वैसे सुना तो यह भी जा रहा है कि उत्तराखंड सरकार के मंत्री-अफसरों द्वारा पिछले साल किये गए अनेकानेक विदेशी दौरों पर किये गए प्रयासों के बाद इस साल नॉर्वे और बेल्जियम में भी इगास मनाई जा रही है. वहां कल से एक सप्ताह की छुट्टी है बल – सरकारी! Holiday or no Holiday Igas Uttarakhand
शास्त्रों में कहा गया है सब्र का फल मीठा होता है. देखिये, क्या पता रात तक कोई सर्कुलर आ ही जाए पहाड़ियों के वास्ते.
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