पिछले तेरह दिनों उत्तराखंड में चारधाम यात्रा पर आये यात्रियों की संख्या पांच लाख से ज्यादा है अभी लाखों यात्रियों ने और आना है. यात्रियों की भीड़ उत्तराखंड प्रशासन के सामने आये दिन कोई न कोई नै चुनौती लेकर आती है. इन्हीं चुनोतियों में एक है चार धामों जमा कचरा.
(Heap of Plastic Chaardham Uttarakhand)
यात्री अपनी यात्रा के पीछे छोड़ जाते हैं हज़ारों टन कचरा. सभी धामों के निकट कचरे ये ढेर देखे जा सकते हैं. यह समस्या कितनी बढ़ गयी है उसका अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि एक दिन में 5000 से 10000 किलो कचरा केवल केदारनाथ धाम में इकट्ठा हो रहा है.
केदारनाथ में सफाई के लिये गौरीकुंड के पास 7 फीट गहरे गड्ढे खोदे गये हैं जिनमें छोटे बिस्किट, चिप्स और तम्बाकू के रैपर डाले जा रहे हैं जबकि अन्य प्रकार के कचरे को मैदानी इलाकों में सही तरीके से समाप्त करने के लिये भेजा जा रहा है.
(Heap of Plastic Chaardham Uttarakhand)
इस कचरे में सर्वाधिक कचरा प्लास्टिक का है जिसमें प्लास्टिक के बोतल और बिस्किट चिप्स के रैपर हैं. स्थानीय प्रशासन और स्थानीय लोग भरसक कोशिश कर रहे हैं कि किसी तरह इस कचरे का सही ढंग से निस्तारण हो.
पर्यावरण के दृष्टिकोण से भी यह खतरा है इससे प्राकृतिक और औषधिय वनस्पति के नष्ट होने का बड़ा खतरा है. बद्रीनाथ, यमनोत्री और गंगोत्री में भी यात्रियों द्वारा अपने पीछे कचरे का अंबर छोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही. यमनोत्री और गंगोत्री में अकेले एक दिन में 8000 किलो सूखा कूड़ा इकठ्ठा हो रहा है.
Uttarakhand | Heaps of plastic waste & garbage pile up on the stretch leading to Kedarnath as devotees throng for Char Dham Yatra pic.twitter.com/l6th87mxD9
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 22, 2022
एनआई उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड द्वारा ट्विटर पर केदारनाथ की तस्वीरें साझा करने के बाद लोगों की तरह-तरह प्रतिक्रियायें आ रही हैं. कुछ यूजर्स से ने प्रशासन को इन क्षेत्रों में प्लास्टिक को प्रतिबंधित करने की सलाह दी है. इसके अतिरिक्त कुछ ने कहा है कि प्रशासन की ओर से चार धामों में स्वच्छता की ओर विशेष ध्यान देना चाहिये और स्वच्छता का पालन करने के लिये यात्रियों पर कड़े नियम भी लागू किये जाने चाहिये.
(Heap of Plastic Chaardham Uttarakhand)
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1 Comments
Kamal Kumar lakhera
कचरा तो यात्रियों की संख्या के साथ बढ़ेगा ही लेकिन सरकार को इसके सही निस्तारण हेतु प्रबंध करना चाहिए, चाहे वह यात्रियों पर कचरा सेस लगाए ताकि बजट समस्या ना बने ।